Harbhajan Singh का बंगाल रेप कांड पर खौला खून, CM ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कह डाली ये बात 
Harbhajan Singh का बंगाल रेप कांड पर खौला खून, CM ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कह डाली ये बात 

Harbhajan Singh: बंगाल (Bengal Rape Case) में एक महिला डॉक्टर के साथ क्या कुछ हुआ. यह बताने के लिए कुछ रह नहीं गया है. डॉक्टर के साथ हुए रेप-मर्डर के बाद पूरा देश आक्रोश में हैं. भारत के कौने-कौने से बस यही आवाज आ रही है कि देश की बेटी के साथ दरिंदगी करने वाले आरोपी को फांसी दी जानी चाहिए.

लेकिन, दूसरी ओर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर राजनीति करने के आरोप लग रहे हैं. वहीं अब इस मामले पर टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने चुप्पी तोड़ी है.

Harbhajan Singh ने ममता बनर्जी को लिखा पत्र

  • टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने बंगाल रेप कांड पर अपनी संवेदना व्यक्त की है.
  • इस घटना क्रिकेट को अंदर से झंझोर कर रख दिया है. उनका मानना है कि ऐसे घिनौने अपराधों में  न्याय मिलने पर देरी नहीं करनी चाहिए.
  • हरभजन ने बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को लिखे पत्र में कहा,

”कोलकाता बलात्कार और हत्या की पीड़िता को न्याय मिलने में देरी पर गहरी पीड़ा के साथ, जिस घटना ने हम सभी की अंतरात्मा को झकझोर दिया था, मैंने पश्चिम बंगाल की माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बंगाल के गवनर हार्दिक निवेदन किया है, जिसमें उनसे त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है.”

जघन्य अपराध पर अपराधियों को मिले कड़ी सजा

  • भारत में रेप केस मामलो में अपराधियों को हल्के में लिया जाता है. कोर्ट में केस चले जाने के बाद बेल मिल जाती है. जिसके बाद पीड़िता और उसके परिवार वाले न्याय के लिए कोर्ट के चक्कर काटते रहते हैं.
  • वहीं हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) की मांग है कि जघन्य अपराध जैसी घटनाओं को अंदाम देने वाले अपराधियों को कानून की ओर से कोई ढील नहीं दी जानी चाहिए.
  • बल्कि ऐसे मामलों पर कानून का डर रहना चाहिए. हरभजन सिंह ने अपने पत्र में आगे लिखा,

”महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जा सकता. इस जघन्य अपराध के अपराधियों को कानून की पूरी मार झेलनी चाहिए, और सजा अनुकरणीय होनी चाहिए.

तभी हम अपनी व्यवस्था में विश्वास बहाल करना शुरू कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि ऐसी त्रासदी फिर कभी न हो और हम एक ऐसा समाज बना सकें जहाँ हर महिला सुरक्षित और संरक्षित महसूस करे. हमें खुद से पूछना चाहिए – अगर अभी नहीं, तो कब? मुझे लगता है, कार्रवाई का समय अभी है.”

 

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Rubin Ahmad

रूबिन अहमद 'क्रिकेट एडिक्टर' ऑनलाइन में सब एडिटर हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय साउथ...