एक समय आता है जब आपका शरीर नहीँ तो दिमाग थक जाता है। आप फिर अपने उस कर्तव्य से सन्यास लेने को सोचते है। ऐसा ही कुछ होता है खेल के मैदान में। लय बिगड़ रही होती है, अच्छा खेल नहीँ दिखा पा रहे होते है और अचानक से निर्णय आता है सन्यास का। लेकिन […]
एक समय आता है जब आपका शरीर नहीँ तो दिमाग थक जाता है। आप फिर अपने उस कर्तव्य से सन्यास लेने को सोचते है। ऐसा ही कुछ होता है खेल के मैदान में। लय बिगड़ रही होती है, अच्छा खेल नहीँ दिखा पा रहे होते है और अचानक से निर्णय आता है सन्यास का। लेकिन […]