सॉफ्ट सिग्नल 

अपने पहले मैच में बल्लेबाजी का मौका ना मिलने की वजह से चौथे मैच में अपनी पहली ही अन्तराष्ट्रीय गेंद पर छक्का जड़ने वाले सूर्यकुमार यादव ने अर्धशतक जड़ा. लेकिन, अपने अर्धशतक का वो ज्यादा देर जश्न नहीं मना सके. क्योंकि सैम कुरन की गेंद पर मलान ने उनका कैच पकड़ लिया. मलान का यह कैच बहुत ही विवादास्पद रहा. क्योंकि रीप्ले में साफ लग रहा था कि गेंद मालन के हाथ में आने से पहले जमीन पर छू गई है. ऐसे में सॉफ्ट सिग्नल (Soft Signal) की वजह से उन्हें आउट दे दिया गया.

क्या है सॉफ्ट सिग्नल (Soft Signal)

Team India soft signal

जब किसी खिलाड़ी को आउट या नॉटआउट देना होता है और उसे कोई निर्णय समझ में नहीं आता है. तो फील्ड अंपायर टीवी अंपायर को रेफर करने से पहले खुद एक फैसला देता है, कि उसके मुताबिक ऐसा होना चाहिए. इसके बाद अपना फैसला सुनाने से पहले टीवी अंपायर कई प्रकार से उस वाकये को देखता है. फिर अपना फैसला सुनाता है.

टीवी अंपायर सिर्फ एक ही शर्त पर फील्ड अंपायर का फैसला बदल सकता है कि उसके पास पूरे सबूत होने चाहिए कि वो बल्लेबाज आउट है या नहीं. सूर्यकुमार का मलान के द्वारा लिया गया कैच और वाशिंगटन सुंदर का रशीद के द्वारा लिया गया कैच इसी सॉफ्ट सिग्नल (Soft Signal) का ही शिकार हुए.

सूर्यकुमार और सुन्दर दोनों हुए शिकार

जानिए क्या होता है सॉफ्ट सिग्नल फैसला, जिसका शिकार बने सुंदर और सूर्यकुमार यादव

क्रिकेट के मैदान पर वैसे तो सब कुछ बल्लेबाज और गेंदबाज के हाथ में होता है. लेकिन, इन सबके भी ऊपर होता है अंपायर. मैदान पर उसके फैसले को तो भगवान भी नहीं बदल सकता. कुछ ऐसा ही हुआ भारतीय पारी के दौरान. जब सूर्यकुमार अपनी पूरी लय थे और लगातार खतरनाक होते दिख रहे थे.

एक समय तो ऐसा लगा कि वो टीम का स्कोर 200 पार ले जा सकते हैं. लेकिन कुरन की गेंद पर मलान ने उनका कैच पकड़ कर पारी का अंत कर दिया. यही नहीं इसके थोड़ी देर बाद ही भारत के आलराउंडर खिलाड़ी वाशिंगटन सुन्दर की पारी भी आर्चर की गेंद पर आदिल रशीद ने कैच लेकर खत्म कर दी. ये दोनों ही कैच सॉफ्ट सिग्नल का शिकार हुए हैं. सॉफ्ट सिग्नल (Soft Signal) के साथ ही ये दोनों निर्णय विवादस्पद रहे.