गुरूवार, 24 अगस्त को भारत और श्रीलंका के बीच पांच वनडे मैचों की श्रृंखला का एक बहुत ही रोमांचक मुकाबला पल्लेकेल के मैदान पर खेला गया. जहाँ मेहमान भारतीय टीम ने एक बार फिर से शानदार खेल का प्रदर्शन करने हुए मेजबान टीम को तीन विकेट से मात दे दी. एक समय मैच में ऐसा भी था, जहाँ भारतीय टीम हार के दरवाजे पर खड़ी हुई थी. मगर टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी और भुवनेश्वर कुमार ने अपनी एक लाजवाब साझेदारी से ना सिर्फ पारी को संभाला, बल्कि टीम को यादगार जीत दिलाकर ही मैदान से लौटे.
कैसा रहा मैक का हाल
मैच की शुरुआत भारतीय टीम के टॉस जीतने के साथ हुई थी और टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला किया था. श्रीलंका की टीम पहले बल्लेबाज़ी करते हुए अपनी पारी में आठ विकेट के नुकसान पर मात्र 236 रन ही बना सकी और टीम इंडिया को मैच जीतने के लिए 237 रनों का लक्ष्य मिला. बारिश के कारण मैच के समीकरण में थोड़ा बदलाव किया गया और टीम इंडिया के सामने 47 ओवर में 231 रनों का टारगेट मिला.
231 रनों का लक्ष शानदार फॉर्म में चल रही टीम इंडिया के लिए एकदम आसान था और हुआ भी कुछ ऐसा ही. लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम की शुरुआत लाजावाब रही और रोहित शर्मा {54} और शिखर धवन {49} ने पहले विकेट के लिए 109 रनों जोड़े. मगर इसके बाद एक के बाद एक सात विकेट गिरने से भारतीय टीम की कमर ही टूट गयी.
काम आया धोनी का अनुभव
एक समय जिस टीम इंडिया का स्कोर 109/0 था, वो पल ही भर में 131/7 हो गया. मगर इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी {45} और भुवनेश्वर कुमार {53} नाबाद 100 रनों की नाबाद सजेह्दारी करा टीम को ऐतिहासिक जीत दिला दी.
यह रहा सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट
मैच के 35वें ओवर की तीसरी गेंद पर ऐसा कुछ जिसने पूरे मैच की दिशा को ही बदलकर रख दिया. दरअसल इस ओवर में श्रीलंका के तेज गेंदबाज़ विश्वा फ़र्नांडो, महेंद्र सिंह धोनी को गेंदबाज़ी कर रहे थे और तभी तीसरी गेंद धोनी के बल्ले से चुके सीधे स्टंप्स की ओर जा गिरी. गेंद जाकर सीधा मिडल स्टंप से टकराई, लेकिन कहानी में असली ट्विस्ट आना अभी बाकी था.
गेंद मिडल स्टंप से टकराई जरुर, लेकिन बैल्स निचे नहीं गिरी जिसके तहत एमएस धोनी बोल्ड होने के बाद भी नॉट आउट ही रहे और टीम इंडिया मैच जीतने में कामयाब हो सकी.
यहाँ देखे कैसा था पूरा वाक्या:-
https://twitter.com/Cricvids1/status/900772272859791360