भारत के दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी ने 15 अगस्त यानी कल शाम 7 बजकर 29 मिनट पर इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया. धोनी ने एक वीडियो शेयर करके इसकी घोषणा की पिछले साल हुए वर्ल्ड कप के बाद से ही धोनी क्रिकेट से दूर हैं और तभी से उनके भविष्य पर लगातार अटकलें लगाई जा रही थी.
जिस पर शनिवार को विराम लग गया. संन्यास की घोषणा के बाद दिग्गजों ने धोनी को उनके शानदार करियर के लिए बधाई दी, जहां दिग्गज भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग का पोस्ट छाया रहा.
धोनी के रिटायरमेंट के मौके पर वीरेंद्र सहवाग ने दिया ये खास मैसेज
सहवाग हमेशा से ही अपने चुटीले ट्वीट तथा अनोखे अंदाज के लिए जाने जाते हैं. ऐसा ही अनोखा अंदाज इन्होने धोनी के लिए अपने ट्वीट पर भी दिखाया. जहां इन्होने ट्वीट के अंत में लिखा-ओम फिनिशाय नमः. सहवाग ने ट्वीट किया कि,
“न कोई था, न कोई है और न कोई होगा एमएस के जैसा. खिलाड़ी आते जाते रहते हैं, मगर उनके जैसा शांत खिलाड़ी कोई भी नहीं होगा. धोनी लोगों के साथ ऐसे जुड़ते हैं, जैसे वो उनके पारिवारिक सदस्य हो. ओम फिनिशाय नमः. सहवाग ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, एक साथ अनगिनत यादों के लिए धन्यवाद और आगे भी आपके लिए एक प्रेरक जीवन की कामना करते हैं.”
Not an azaadi cricket lovers wanted from.
Thank you for the innumerable memories together and wish you a great and equally inspiring life ahead. https://t.co/WtT0Xd3A8H— Virender Sehwag (@virendersehwag) August 15, 2020
धोनी ने हासिल की है इंटर तक की शिक्षा
धोनी ने श्यामली के रांची जवाहर विद्या मंदिर से 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद रांची के ही गोस्सनर कॉलेज से कॉमर्स में इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. लेकिन क्रिकेट में करियर बनाने के चलते वह आगे की पढ़ाई नहीं कर पाए.
रिपोर्ट्स के मुताबिक धोनी ने साल 2008 में रांची स्थित सेंट जेवियर्स कॉलेज में वोकेशनल स्टडीज के तहत ऑफिस एडमिनिस्ट्रेशन एंड सेक्रेटेरियल प्रैक्टिस कोर्स में बैचलर की डिग्री पाने के लिए (पाठ्यक्रम 2008-2011) दाखिला लिया था, लेकिन क्रिकेट में अति व्यस्तता की वजह से वो छह में से एक भी सेमेस्टर पास नहीं कर पाए.
बचपन से ही थी फौजी बनने की चाह
धोनी को इंडियन टेरिटोरियल आर्मी में नवंबर 2011 में लेफ्टिनेंट कर्नल का रैंक दी गई थी. जिसके बाद उन्होंने कहा था कि वे भविष्य में ये जिम्मेदारी निभाने को पूरी तरह से तैयार हैं. इसके जरिए उनका आर्मी में काम करने का सपना पूरा होगा.
धोनी ने एक इंटरव्यू में कहा भी था कि वह बचपन से ही फौजी बनना चाहते थे. वो रांची के कैंट एरिया में अक्सर घूमने चले जाते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था, वो फौज के अफसर नहीं बन पाए और क्रिकेटर बन गए.