2. स्पिनरों को ना खेल पाना
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला करते हुए मैदान में उतरी टीम इंडिया (Team India) अपने विकेटों को बचाने में कामयाब नहीं हो सकी. भारतीय टीम के कप्तान शिखर धवन बिना खाता खोले ही धनंजय डी सिल्वा की गेंद का शिकार हो गए. इसके बाद यहीं से टीम की बल्लेबाजी क्रम लड़खड़ाई, जिसका सिलसिला अंत तक जारी रहा. भारत अपने आपको मैच में कहीं संभालता, इसका मौका मेजबान टीम के स्पिनरों ने दिया ही नहीं.
भारतीय खिलाड़ियों की बल्लेबाजी के दौरान श्रीलंकाई स्पिनर पूरी तरह से टीम पर हावी रहे. साथ ही लगातार विकेटों का पतन भी करते रहे. इस मुकाबले में सबसे सफल गेंदबाज के तौर पर वानिंदु हसरंगा साबित हुए. उन्होंने 4 ओवर में गेंदबाजी करते हुए सिर्फ 9 देकर 4 सफलताएं हासिल की. जो इस दौरान उन्होंने ऋतुराज गायकवाड़, संजू सैमसन, भुवनेश्वर कुमार और वरूण चक्रवर्ती जैसे काबिल खिलाड़ियों को अपनी फिरकी में फंसाया.
पूरे मुकाबले में स्पिनर के सामने भारतीय बल्लेबाज सिर्फ संघर्ष करते हुए नजर आए. कुलदीप यादव ने 28 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 23 रन बनाए. इसके अलावा एक भी खिलाड़ी 20 रन भी नहीं बना सका. ये दूसरा सबसे बड़ा कारण रहा, जिसकी वजह से टीम इंडिया को सीरीज पर शिकस्त का सामना करना पड़ा.