कभी क्रिकेट छोड़ नौकरी करने का मन बना रहे थे टिम पेन, आज बने ऑस्ट्रेलिया के 46वें टेस्ट कप्तान

किस्मत कब किसके ऊपर मेहरबान हो जाये कुछ कहा नहीं जा सकता. ऐसा ही हुआ है इस ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर के साथ. जो कुछ दिनों पहले तक सोचा रहा था कि उसे अब क्रिकेट छोड़ देना चाहिए, अब नौकरी कर लेनी चाहिए. इसके लिए उसने नौकरी भी ढूढ़ ली थी लेकिन आज उस खिलाड़ी की किस्मत ने पलटी मारी. जो खिलाड़ी टीम में मौके तलाश रहा था आज वह उसी टीम का कप्तान बना बैठा है.
कभी क्रिकेट छोड़ नौकरी करने का मन बना रहे थे टिम पेन, आज बने ऑस्ट्रेलिया के 46वें टेस्ट कप्तान
वैसे भी कहा जाता है, ‘जो भी होता है अच्छे के लिए होता है.’हाँ, लेकिन किसके लिए अच्छा होता है यह परिस्थितिओं पर निर्भर करता है. क्रिकेट जगत में टीम ऑस्ट्रेलिया ने अपने देश की नाक कटा दी. चौतरफा कंगारू खिलाडियों की जगहंसाईं हो रही है. कप्तान स्टीव स्मिथ व उपकप्तान डेविड वार्नर को उनके पद से हटा दिया गया लेकिन यह कंगारू खिलाड़ी खुश है. जिस तरह से इस कंगारू खिलाड़ी की किसमत पलटी है खुश होना स्वाभाविक है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं स्मिथ की जगह नए नवेले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान बने टिम पेन की.

टीम पेन का क्रिकेट करियर बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा है. ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम में वो कभी भी अपना स्थान पक्का नहीं कर पाए और टीम से अंदर-बाहर होते रहे। 7 साल के लंबे अंतराल के बाद चार महीने पहले जब उनका टेस्ट टीम में चयन किया गया, तो सभी को हैरानी हो गई की इतने लंबे समय के बाद इस खिलाड़ी का चयन क्यों किया गया. हालांकि पिछले साल ही टीम पेन क्रिकेट छोड़ने का मन बना चुके थे, वो ऑस्ट्रेलिया की क्षेत्रीय तस्मानिया टीम से बाहर थे. इतना ही नहीं उन्होंने क्रिकेट के सामान बनाने वाली कंपनी कूकाबूरा के साथ नौकरी की पेशकश भी स्वीकार कर ली थी और इसके लिए वो मेलबर्न शिफ्ट भी हो गए थे.
कभी क्रिकेट छोड़ नौकरी करने का मन बना रहे थे टिम पेन, आज बने ऑस्ट्रेलिया के 46वें टेस्ट कप्तान
पेन ने बताया,

”मैं कूकाबूरा में नौकरी स्वीकार करने से बहुत दूर नहीं था. एक वक्त हालात ऐसे थे कि मेरे लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने के बारे में सोचना ही ज्यादा था. मैं खुशकिस्मत रहा हूं कि क्रिकेट तस्मानिया में काफी बदलाव हुए. मैं और कुछ अन्य सीनियर खिलाड़ियों के लिए यह नई शुरुआत थी.”

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2011 तक टिम पेन चार टेस्ट और 26 वनडे खेल चुके थे. उन्हें कप्तान के विकल्प के तौर पर देखा भी जा रहा था, लेकिन एक मैच में उंगली में लगी चोट उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण साबित हुई. टूटी उंगली को जोड़ने के लिए किए गए 6 ऑपरेशन नाकाम रहे. इसकी वजह से उन्हें मैदान पर वापसी करने में काफी वक्त लग गया.

Anurag Singh

लिखने, पढ़ने, सिखने का कीड़ा. Journalist, Writer, Blogger,