साल 2017-18 में भारत ने अधिकतर मुकाबले अपनी मेज़बानी में खेला है। लेकिन 2017 जुलाई,अगस्त और सितंबर के महीने में श्रीलंका की मेज़बानी में तीन टेस्ट, 5 एकदिवसीय और एक मात्र T-20 का मुकाबला भी खेला। जगह एशियाई महाद्वीप था तो जीत का सेहरा सर बांधने में ज्यादा मुश्किल नहीँ हुई। एक भी मुकाबला हारे ये पूरा दौर भारत के नाम रहा। लेकिन पिछले कुछ सालों में भारतीय टीम के खेल में बदलाव के बावजूद ,एशियाई देशों से बाहर टेस्ट श्रीखला में भारत का प्रदर्शन कुछ खांस नहीँ रहा है। इसी साल जनवरी के महीने में शुरू हुए साउथ अफ्रीका दौरे में भारत को 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से हार का सामना करना पड़ा। जबकि एकदिवसीय मुक़ाबले 5-1 से और T-20 2-1 से भारत के नाम रहा।
अब इस महीने भारत उस टीम का दौरा करने वाला है जिसने हालही में सबसे अधिक बार वर्ल्डकप विजेता ऑस्ट्रेलिया को अपनी मेजबानी में धूल चटा दिया है। जी हाँ 3 जुलाई से भारत इंग्लैंड दौरे पर है। जहाँ उसे 3 T-20 मुकाबले, 3 मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला और 5 मैचो की टेस्ट सीरीज खेलनी है। हालही में हुए इंडिया टीवी के कार्यक्रम “क्रिकेट की बात” में पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और पूर्व भारतीय ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने इस दौरे पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी है।
दादा ने कहा कि T-20 मुकाबले में आयरलैंड पर मिली 2-0 कि जीत के बाद विराट कोहली की सेना मज़बूती से इस दौरे में उतरेगी। इस दौरे की शुरुवात 3 जुलाई को T-20 मुकाबले से होगा। यह मुकाबला मंगलवार को इंग्लैंड के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेला जाएगा। दादा और सहवाग ने इस शो के दौरान विराट कोहली के 2014 में इंग्लैंड दौरे पर खराब खेल का जिक्र करते हुए, कोहली को इस टक्कर से पहले अपने अनुभव का कुछ ज्ञान भी दिया।
2014 में इंग्लैंड दौरे के दौरान 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत को 3-1 से हार मिली थी। जबकि 5 मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला 3-1 से भारत के नाम हुई थी। लेकिन एक मात्र T-20 मुक़ाबले में भारत को 3 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। कोहली का प्रदर्शन इस दौरे पर काफी खराब रहा था। 5 मैचों की टेस्ट श्रृंखला में विराट के बल्ले से 13.40 की औसत से मात्र 134 रन ही लगे थे। जबकि उनतीस वर्षीय इस खिलाड़ी का प्रदर्शन एकदिवसीय मुकाबलों में भी कुछ खाँस नहीँ रहा था। इसमें उनके बल्ले से 10 मैचों में 291 रन ही लगे थे। T-20 में भी विराट का हाल वही रहा और 2 मुकाबलो में वह 70 रन ही मार पाए। इन सबके बावजूद गांगुली और सहवाग का यह मानना है कि बार इंग्लैंड दौरे पर भारत टेस्ट सीरीज जीत सकती है और विराट कप्तानी पारी खेलते नज़र आएंगे।
सहवाग ने अपनी भविष्वाणी करते हुए 3-2 से या तो 3-1 से ये टेस्ट सीरीज भारत के नाम कर दी। लेकिन दादा ने अपनी राय देते हुए कहा कि इंगलैंड को उन्ही के घर मात देना इतना आसान नहीँ होगा। हालांकि सौरव ने ये भी कहा कि श्रृंखला विराट कोहली के नाम रहेगी, लेकिन सहवाग ने इसे पुजारा के नाम बताया। सहवाग का कहना था कि पिछले 2-3 सालों से पुजारा लगातार काउंटी क्रिकेट खेलते आए है और यह अनुभव उन्हें इस दौर में काम आएगा। सहवाग का यह भी कहना था कि अपने क्रिकेट के सफर में उन्होंने कभी 5 मैचों की लंभी श्रृंखला नहीँ खेली है, लेकिन वो जानते है लंबे दौर में फिटनेस खिलाड़ी के लिए कितना महत्वपूर्ण है।लंबी श्रृंखला हमेशा गेंदबाजों का इम्तिहान लेती है और ऐसे में अगर आप 2-0 से पीछे भी है तो वापसी का आपके पास मौक़ा होता है।
दादा ने अपनी राय देते हुए कहा की टेस्ट श्रृंखला से पहले T-20 और एकदिवसीय मुकाबले भारत के लिए लाभदायक होंगे। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए ये भी कहा कि ग्लेन मैक्ग्राथ , शॉन पौलॉक जैसे गेंदबाज दोनों फॉर्मेट्स खेला करते थे। इस दौर में अलग-अलग फॉर्मेट्स में अलग-अलग गेंदबाजो को इस्तेमाल करने की रणनीति उनके समझ से बाहर है। हालही ऐसी ही रणनीति ऑस्ट्रेलिया ने इंगलैंड के खिलाफ दिखाई थी। दादा की इन बातों का साथ देते हुए सहवाग ने कहा कि वो सहमत है “जो फॉर्म में है आपको उसको हर फॉरमेट में मौका देना चाहिए”, दादा ऐसा ही करते थे। इसके बाद दादा ने रिस्ट स्पिनर्स युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की बात करते हुए कहा कि एक रिस्ट स्पिनर के साथ मौका अश्विन को देना चाहिए क्योंकि वह बहुत अनुभवी है। सहवाग ने भी इस पर उनका साथ दिया।
सौरव ने कहा की उनके अनुसार केएल राहुल और शिखर धवन की जोड़ी ओपनर के तौर पर सही रहेगी क्योंकि बाहरी देशों में उनके रिकॉर्ड यह साफ दिखाते है। बल्कि सहवाग का कहना था कि धवन के साथ मुरली विजय को मौका मिलना चाहिए। दादा का कहना है कि अगर भारत को जितना है तो विराट को को रनों का पहाड़ खड़ा करने पर निर्देश देना चाहिए।इंग्लैंड की टीम काफी मजबूत है लेकिन उनके पास बोर्ड और एंडरसन के अलावा तीसरा विकल्प नहीँ है। लेकिन मोईन अली पर बोलते हुए दादा ने कहा कि पिछले दौरे पर उन्होंने ही भारत के खिलाफ सबसे ज्यादा 30 विकेट लिए थे। भारत को यह ध्यान रखना होगा की अगर स्पिनर्स लय में आ गए तो परेशानियाँ बढ़ सकती है।