भारतीय क्रिकेट में इन दिनों ऋषभ पंत (Rishabh Pant) के नाम को लेकर चर्चा गरम है। टीम इंडिया के सबसे बड़े मैच विनर कहे जाने वाले इस खिलाड़ी का बल्ला बीते कुछ महीनों से शांत है। एशिया कप के बाद टी20 विश्वकप भी गुजर गया। लेकिन पंत की फॉर्म लौटने का नाम नहीं ले रही है, टीम प्रबंधन ने उन्हें ओपनिंग से लेकर मिडल ऑर्डर में आजमा कर देख लिया।
लेकिन उनके रनों का सूखा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। टी20 के प्रदर्शन को दरकिनार करते हुए उन्हें न्यूज़ीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में मौका दिया गया। लेकिन यहां भी उनका बंटाधार होता हुआ नजर आया। बीती 8 पारियों में वह 30 का निजी स्कोर भी पार नहीं कर पाए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) क्यों अभी तक प्लेइंग एलेवन में मौका दिया जा रहा है।
बाएं हाथ का बल्लेबाज होने के नाते मिलती है तवज्जो
बाएं हाथ के बल्लेबाज हमेशा से ही विपक्षी टीम के लिए परेशानी का सबब बनते हैं। दायें हाथ के बल्लेबाजों से भरे क्रम में अगर बाएं हाथ का कोई खिलाड़ी हो तो गेंदबाज अपनी लाइन और लेंथ तलाशने में संघर्ष कर सकता है। उदाहरण के तौर पर लेग स्पिनर को बाएं हाथ का बल्लेबाज दायें हाथ के बल्लेबाज के मुकाबले बेहतर तरीके से खेल सकता है।
इन सब पहलुयों ने मद्देनजर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को कई बार दिनेश कार्तिक को ड्रॉप कर टीम का हिस्सा बनाया गया है। लेकिन वह मिले हुए मौकों को ठीक तरीके से भुनाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं।
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