virat kohli

आईपीएल 2021 में एलिमिनेटर मैच रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच खेला गया। इस मैच में केकेआर ने शानदार खेल दिखाते हुए 4 विकेट से जीत दर्ज की और दूसरे क्वालीफायर में जगह बनाई। वहीं RCB को हार का सामना करना पड़ा, जिसके चलते उनका इस सीजन का सफर खत्म हो गया। इस मैच में आरसीबी ने कुछ गलतियां की, जिनका खामियाजा उन्हें मैच गंवाकर भुगतना पड़ा। तो आइए इस आर्टिकल में आपको उन 5 गलतियों के बारे में बताते हैं, जो यदि टीम ने ना की होती, तो यकीनन परिणाम कुछ और हो सकता था।

           एलिमिनेटर मैच में RCB को भारी पड़ी ये गलतियां

Virat kohli

1- विराट कोहली ने एलिमिनेटर मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। इस बात में कोई शक नहीं है कि यदि कोहली मैच में टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला करते, तो परिणाम अलग हो सकता था। क्योंकि टॉस हारने के बाद केकेआर के कप्तान इयोन मोर्गन ने साफ कहा कि वह पहले गेंदबाजी करना चाहते थे, ऐसे में उन्हें ये मौका देना, कोहली की एक बड़ी गलती साबित हुई।

2-  RCB ने कोलकाता नाइट राइडर्स के किसी भी गेंदबाज के सामने आक्रमण नहीं किया। जी हां, केकेआर के गेंदबाजों ने कमाल की किफायती गेंदबाजी की। केकेआर के स्पिनर्स के सामने तो मानो RCB के बल्लेबाजों ने इतना संभालकर खेला, कि रन ही नहीं बना सके। बाएं हाथ के स्पिनर शाकिब ने भी 4 ओवर में सिर्फ 24 रन खर्च किए।

3- आरसीबी की टीम मैच में आखिरी के 5 ओवरों में सिर्फ 30 रन बना सकी। एक समय टीम का स्कोर 10 ओवर के बाद 2 विकेट पर 70 रन था। टीम को अच्छी शुरुआत मिली थी, क्योंकि सलामी जोड़ी ने 49 रनों की साझेदारी की थी। तब लग रहा था कि RCB 160 रन के स्कोर तक पहुंचेगी। टीम ने ऑफ स्पिनर सुनील नरेन के खिलाफ बड़े शॉट खेलने के चक्कर में विकेट गंवाए। नरेन को 4 विकेट मिले।

4- RCB ने गेंदबाजी पारी की शुरुआत तेज गेंदबाजों के साथ की थी, जिसमें मोहम्मद सिराज व जॉर्ज गार्टन से कराई थी। ऐसे में गौतम गंभीर ने गेंदबाजी को लेकर सवाल उठाए हैं। उनका कहना था कि आरसीबी को चहल, हर्षल, मैक्सवेल क्रिस्टियन जैसे गेंदबाजों को शुरुआत में आजमाना था। इस कारण केकेआर को अच्छी शुरुआत मिल गई और आरसीबी के हाथों से मैच रेत की तरह फिसल गया।

RCB

5- 18 ओवर के बाद केकेआर के 6 विकेट गिर गए थे, लेकिन 3 प्रमुख गेंदबाजों सिराज, चहल और हर्षट पटेल के 4 ओवर के कोटे खत्म हो गए थे। जिसका मतलब सीधा है कि कप्तान के पास आखिरी ओवर के लिए कोई बेहतर विकल्प ही नहीं था और आखिरी ओवर उन्हें डेनियल क्रिस्चियन से गेंदबाजी करानी पड़ी। ऐसे में अगर एक बड़े गेंदबाजों का ओवर बचा रहता है तो अंतिम ओवरों में RCB के लिए 12 रन बचा सकते थे।