Ravi Shastri And Virat Kohli

इंग्लैंड टेस्ट टीम के कप्तान बेन स्टोक्स के अचानक वनडे से संन्यास लेने ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। इसी बीच टीम इंडिया के पूर्व मुख्य कोच Ravi Shastri ने कहा है कि टेस्ट क्रिकेट को प्रारूप में केवल टॉप छह टीमों तक ही सीमित रखा जाना चाहिए। पूर्व मुख्य कोच ने यह भी कहा कि फॉर्मेट केवल छह टीमों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि अन्य पक्षों को टॉप छह का हिस्सा बनने के लिए क्वालिफिकेशन प्राप्त करने की आवश्यकता है।

Ravi Shastri चाहते हैं टेस्ट क्रिकेट 6 टीमों तक सीमित रखना

Ravi Shastri Team India Former Head Coach

रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने कहा है कि यह टेस्ट क्रिकेट में बदलाव का समय है, क्योंकि अगर टेस्ट क्रिकेट को फैंस के बीच लोकप्रिय बनाना है तो एक नई व्यवस्था लागू करनी होगी। स्काई स्पोर्ट्स पर हुई बातचीत के दौरान रवि ने कहा,

“यदि आप टेस्ट क्रिकेट को जीवित रखना चाहते हैं तो आप 10-12 टीमों को खेलने की अनुमति नहीं दे सकते हैं। टॉप-6 टीमें ही फॉर्मेट में रखें। अगर क्रिकेट की गुणवत्ता को बनाए रखें और मात्रा से अधिक गुणवत्ता का सम्मान करें। यही एकमात्र तरीका है जिससे आप टेस्ट क्रिकेट को फैंस के लोकप्रिय बना सकते हैं।”

Ravi Shastri ने टेस्ट क्रिकेट के लिए दी अहम सलाह

ENG vs IND 2022

रवि शास्त्री ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि टेस्ट क्रिकेट एक फुटबॉल मॉडल हो। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आप को टेस्ट क्रिकेट को फैंस के बीच लोकप्रिय बनाना है तो आपको टीमों की संख्या कम करनी पड़ेगी। पूर्व हेड कोच ने कहा,

“टी20 या वनडे क्रिकेट में टीमों की संख्या बढ़ाएं यदि आप खेल को फैलाना चाहते हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में आपको टीमों को कम करना होगा। बात यह है कि यह फुटबॉल मॉडल है। आपके पास ईपीएल, ला लीगा, जर्मन लीग, दक्षिण अमेरिका कोपा अमेरिका है, भविष्य में ऐसा ही होगा, आपके पास एक विश्व कप होगा और फिर बाकी दुनिया भर में होने वाली सभी अलग-अलग लीग होंगी।”

Ravi Shastri के विचार के मुताबिक ये टीमें नहीं होंगी टेस्ट क्रिकेट का हिस्सा

वनडे फॉर्मेट की बहस खत्म करने के लिए Ravi Shastri ने दिया नया मोड़, टेस्ट क्रिकेट पर साधा निशाना

जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान रैंकिंग के अनुसार, टेस्ट प्रारूप में शीर्ष छह रैंकिंग वाली टीमें ऑस्ट्रेलिया, भारत, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान हैं। नतीजतन, वेस्टइंडीज, बांग्लादेश, जिम्बाब्वे और श्रीलंका जैसे कई टेस्ट खेलने वाले देश शास्त्री के विचार को लागू करने के साथ खेल के सबसे लंबे प्रारूप में नहीं खेल पाएंगे। यही बात अफगानिस्तान और आयरलैंड के साथ भी होगी क्योंकि उन्हें अभी तक टेस्ट रैंकिंग में स्थान भी नहीं मिला है।