ravi shastri

Team India के हेड को रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का कार्यकाल टी20 विश्व कप के साथ ही खत्म हो गया। इसी के साथ खत्म हो गया विराट कोहली और शास्त्री का एक युग, जिसमें भारत ने भले ही कोई आईसीसी ट्रॉफी ना जीती हो, मगर कई आयाम जरुर हासिल किए। टीम इंडिया का साथ छोड़ते हुए Ravi Shastri ने स्पीच दी, जिसके बाद ड्रेसिंग रूम का माहौल काफी उदास दिखा। इसका वीडियो खुद BCCI ने सोशल मीडिया पर साझा किया है।

Ravi Shastri ने दी इमोशनल स्पीच

हेड कोच रवि शास्त्री का कार्यकाल खत्म हो गया है और अब राहुल द्रविड़ टीम इंडिया की कोचिंग की जिम्मेदारी संभालेंगे। नामिबिया के खिलाफ खेले गए टी20 विश्व कप के आखिरी मैच में भारत ने शानदार जीत के साथ विदाई ली। इसके बाद Ravi Shastri ने ड्रेसिंग रूम में अपनी टीम को अड्रेस किया। ड्रेसिंग रूम में रवि शास्त्री को मिले फेयरवेल और उनकी स्पीच का वीडियो BCCI ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है।

Ravi Shastri  ने कहा, “जिस तरह से आप लोग खेलते हो, हमेशा की तरह आप हमारी उम्मीदों पर खरे उतरते हो। पिछले कुछ सालों में, आप दुनिया घूमे, हर प्रारूप खेले और सभी को हराया, ये आपको सबसे महान टीम बनाता है। महान भारतीय टीम, सुनो मेरी बात। ये टीम महान टीमों में गिनी जाएगी जिन्होंने लगातार 5-6 सालों तक हर प्रारूप में राज किया, इसका सबूत नतीजे हैं।”

“हां, ये टूर्नामेंट हमारा अच्छा नहीं रहा। हम एक या दो आईसीसी ट्रॉफी जीत सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लेकिन यही खेल है, आपको दूसरा मौका मिलेगा। आप और समझदार बनेंगे, आपको और अनुभव मिलेगा जब मौके आएंगे।”

रवि शास्त्री की कोचिंग में भारत का प्रदर्शन

Ravi Shastri
Ravi Shastri

2017 में चैंपियंस ट्रॉफी के बाद Ravi Shastri को टीम इंडिया का कोच बनाया गया था। तब ये यदि इस जोड़ी के अंतर्गत टीम के प्रदर्शन पर गौर करें, तो वह वाकई शानदार रहा। शास्त्री के अंडर में भारत ने 43 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 25 जीते और 13 हारे, जबकि 5 मैच ड्रॉ रहे।

वनडे के 76 मैचों में 51 जीते और 22 में हार का सामना करना पड़ा। वहीं T20I में 64 मैच खेले, 42 जीते और 18 मैच गंवाए। ओवरऑल देखें, तो 183 मैचों में भारत ने 118 मैचों में जीत दिलाई, वहीं 53 मैच गंवाए और 5 मैच ड्रॉ रहे। Ravi Shastri की कोचिंग में ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसके ही घर में टेस्ट सीरीज में एक बार नहीं बल्कि दो बार हराया। ऐसा करने वाली भारत एकमात्र एशियाई टीम है। 2018-19 और फिर 2020-21 में भारत ने ये उपलब्धि हासिल की।