Ranji Trophy 2022 Sakibul-Gani

Ranji Trophy में खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत के बाद भी बिहार के खिलाड़ियों को आसानी से IPL में एंट्री नहीं मिलती है। IPL 2022 ऑक्शन में कई भारतीय युवा खिलाड़ियों की किस्मत रातों रात चमक उठती है। आईपीएल मौजूदा समय में भारतीय घरेलू खिलाड़ियों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का सबसे बड़ा मंच है। एक तरफ IPL को दुनिया की मुश्किल टी20 लीग कहा जाता है। वहीं दूसरी तरफ Ranji Trophy है, जिसमें भारतीय घरेलू सर्किट के बड़े खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं।

जिसके कारण कई कड़े मुकाबले देखें जाते हैं। खासकर इस साल Ranji Trophy में बिहार के खिलाड़ी साकिबुल गनी ने अपने फर्स्ट क्लास डैब्यू में ही तिहरा शतक जड़ कर सभी को चौंका दिया था। लेकिन इसके बाद भी उन्हें आईपीएल में किसी भी टीम में शामिल होते हुए नहीं देखा गया। आइए आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं।

बिहार के खिलाड़ियों का रणजी में शानदार प्रदर्शन

Bihar Batter Becomes 1st Debutant In Ranji Trophy History To Achieve This Huge Record

Ranji Trophy 2022 में बिहार की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है। इस टीम के बल्लेबाज साकिबुल गनी (Sakibul Gani) ने अपने फर्स्ट क्लास डैब्यू में ही तिहरा शतक जड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने सिर्फ 3 मैचों में 500 रन जड़ दिए। इससे पहले साल 2019-20 में बिहार के बाएं हाथ के स्पिनर आशुतोष अमन 49 विकेट लेकर सुर्खियों का हिस्सा बने थे। ऐसे में सवाल उठता है कि इन खिलाड़ियों को आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में तवज्जो क्यों नहीं दी जाती है।

इसीलिए IPL में नहीं दी जाती तवज्जो

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दरअसल Ranji Trophy टूर्नामेंट भारत का सबसे प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट है। इस टूर्नामेंट की शुरुआत भारत की आजादी से भी पहले साल 1934-35 में की गई थी। लिहाजा रणजी ट्रॉफी का पहला मैच 88 साल पहले खेला गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के बाद 2018-19 में 9 नई टीमों को मौका दिया गया था। इसमें पुडुचेरी, बिहार, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजाेरम, नागालैंड और सिक्किम की टीमें शामिल थीं।

इन टूर्नामेंट पर रहती है IPL फ्रेंचाइजियों की नजर

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ज्यादा टीमें होने की वजह से Ranji Trophy टूर्नामेंट में नए खिलाड़ी आते गए और खेल के स्तर में गिरावट देखी गई है। जिसके कारण अब इस टूर्नामेंट में खिलाड़ियों के प्रदर्शन को ज्यादा गंभीरता से नहीं देखा जाता है। इसके अलावा रणजी और आईपीएल के फॉर्मैट भी अलग-अलग है। इसीलिए आईपीएल फ्रैंचाइजी भारतीय खिलाड़ियों को विजय हजारे और मुश्ताक अली ट्रॉफी की बिनाह पर दांव खेलना पसंद करती है।