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सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के आखिरी सेमीफाइनल टूर्नामेंट में पंजाब को बड़ा नुकसान हुआ है. वडोदरा टीम के खिलाफ खेलने उतरी टीम को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा है, जिसका जिम्मेदार आरसीबी के खिलाड़ी को ठहराया जाए तो कुछ गलत नहीं होगा. जीते हुए मैच को किस तरह से टीम वडोदरा से हार गई इसकी पूरी जानकारी हम आपको इस रिपोर्ट के जरिए बताएंगे.

टेस्ट पारी ने पंजाब को हराया मैच, फाइनल में पहुंची वडोदरा

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टी-20 फॉर्मेट के टूर्नामेंट में ऐसे खिलाड़ियों को मौका दिया जाता है, जो बल्ले से रन बरसा सकें, लेकिन कई बार टीम में गुरकीरत सिंह जैसे खिलाड़ी टीम की हार का कारण बन जाते हैं. आईपीएल शुरू होने वाला है, लेकिन उससे पहले ही आरसीबी ने गुरकीरत सिंह को रिलीज खिलाड़ियों की लिस्ट में डाल दिया है.

इन दिनों घरेलू टूर्नामेंट में गुरकीरत सिंह पंजाब टीम की ओर से खल रहे थे. लेकिन उनके बल्ले से कुछ खास कमाल देखने को नहीं मिला. टी-20 जैसे मैच में उन्होंने टेस्ट पारी खेलकर अपनी टीम को हराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. वडोदरा सेमीफाइनल में पंजाब को हराकर फाइनल में पहुंच चुकी है.

आरसीबी खिलाड़ी गुरकीरत की स्लो पारी बनी पंजाब के हार का कारण

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सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला 31 जनवरी को वडोदरा और तमिलनाडु टीम के बीच खेला जाएगा. पंजाब और वडोदरा के बीच हुए मैच में सिर्फ मनदीप सिंह ने लंबी पारी (42) खेली थी. हालांकि गुरकीरत सिंह से जो उम्मीद जताई गई थी, उस पर वो खरे नहीं उतरे. यहां तक की काफी स्लो बल्लेबाजी करने के चलते भी इस मैच में टीम को हार का सामना करना पड़ा.

गुरकीरत सिंह ने पंजाब की तरफ से खेलते हुए सेमीफाइनल मैच में 37 गेंद में कुल 39 रन बनाए हैं, इस मुकाबले  में उनके बल्ले से 3 चौके और 1 छक्का निकला है, जबकि उनका स्ट्राइक रेट बेहद कम 105.41 का रहा. उनकी स्लो या कहें टेस्ट पारी ने मैच को गंवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. ऐसे में यह कह सकते हैं कि आरसीबी उन्होंने रिलीज करने के बाद काफी ज्यादा खुश होगी.

आईपीएल में भी आरसीबी को नहीं हुआ था गुरकीरत से कोई फायदा

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आईपीएल 2020 में गुरकीरत सिंह ने विराट कोहली की कप्तानी में कुल 8 मैच खेले थे. जिसमें उनके बल्ले से कुल 71 रन निकले थे. इसमें उनका स्ट्राइक रेट बेहद कम 88.75 का रहा था. इस वजह से साल 2021 के आईपीएल में उन्हें टीम ने रिलीज कर दिया है. सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उन्होंने इस साल कुल 7 मुकाबले खेले हैं. जिसमें उन्होंने ने एक ही लंबी पारी (63) खेली है.

इसके अलावा सेमीफाइनल मैच की बात करें तो वडोदरा ने 3 विकेट के नुकसान पर 160 रन का लक्ष्य दिया था. जिसका पीछा करने उतरी पंजाब की टीम 8 विकेट के नुकसान पर 135 रन ही बना सकी. इस मैच में कोई भी खिलाड़ी लंबी पारी नहीं खेल सका और टीम फाइनल में पहुंचने से पहले ही बाहर हो गई.