Prithvi shaw

अंडर-19 भारतीय टीम को अपनी कप्तानी में ट्रॉफी जिताने वाले पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने राहुल द्रविड़ के साथ अंडर-19 दिनों की यादों को ताजा किया है। द्रविड़ ने भारत के तमाम युवा खिलाड़ियों को कोचिंग दी है और उनकी कोचिंग का ये कमाल है कि आज भारत के पास अच्छी-खासी संख्या में ऐसे युवा खिलाड़ी मौजूद हैं, जो मौका मिलते ही प्रदर्शन करते हैं। अब अनुभव को साझा करते हुए शॉ ने खुलासा किया कि जब वह द्रविड़ के साथ होते थे, तो उन्हें काफी अनुशासन में रहना पड़ता था।

मानसिक चीजों पर करते थे बात

Prithvi Shaw

युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रन नहीं बनाने के बाद उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया। लेकिन बल्लेबाज ने घरेलू स्तर पर और फिर आईपीएल 2021 में लाजवाब बल्लेबाजी की। अब जुलाई में श्रीलंका जाने वाली टीम में Prithvi Shaw के शामिल होने की उम्मीद है। इस बीच क्रिकबज से बात करते हुए शॉ ने द्रविड़ की छत्रछाया में अंडर-19 कोचिंग को लेकर बातचीत की है। शॉ ने बताया,

”वह सिर्फ मानसिक चीजों पर काफी ज्यादा बात करते थे और गेम की रणनीति पर बात करते थे। अगर आप मैच में जा रहे हो तो कैसी अप्रोच रखो। मीटिंग्स में रणनीति को लेकर थोड़ी बात होती थी। वह हमें हमेशा कहते थे कि अपने गेम को एन्ज्वॉय करो। यहां तक प्रैक्टिस सेशन में भी कहते थे कि जाओ और एन्ज्वॉय करो। अगर कुछ बार बार गलती होती थी तो वह आपके पास आते हैं और आपको बताते हैं। इसके अलावा वह हमेशा मानसिक चीजों पर ही बात करते थे।”

सर से लगता था थोड़ा डर

राहुल द्रविड़ अपने वक्त के बेहतरीन खिलाड़ी तो थे ही, साथ ही वह एक ऐसे जेन्टलमेन खिलाड़ी रहे, जिनका नाम ना तो कभी किसी विवाद में आया, ना कभी उन्हें किसी खिलाड़ी के खिलाफ स्लेजिंग करता देखा गया। वह बहुत ही अनुशासनशील थे और आज भी वह अनुशासन में रहना व खिलाड़ियों को अनुशासन सिखाते हैं। शॉ ने आगे बताया कि,

”जब राहुल सर रहते हैं तो आपको अनुशासन में ही रहना होता है। तो थोड़ा सा डर लगता था सर से। ऑफ द फील्ड वह हमारे साथ काफी फ्रेंडली होते थेय वह हमारे साथ डिनर के लिए आते थे। ऐसे में एक लीजेंड के साथ बैठकर डिनर करना किसी सपने के सच होने जैसा था।”

हमेशा नेचुरल गेम खेलने को कहते

Prithvi Shaw

Prithvi Shaw की कप्तानी में जिस अंडर-19 टीम ने ट्रॉफी उठाई थी, उस वक्त बतौर कोच राहुल द्रविड़ टीम के कोच थे। शॉ ने एक लंबे वक्त तक दिग्गज राहुल द्रविड़ के अंडर क्रिकेट खेला है। शॉ से जब पूछा गया कि क्या द्रविड़ की सोच जिंदगी को लेकर भी अलग है। इसपर उन्होंने कहा,

”वर्ल्ड कप से पहले भी हमने 2 साल टूर किया था. उनके साथ अनुभव काफी अच्छा था। अंडर -19 में, इंग्लैंड में इंडिया ए की तरफ से हम उनके साथ खेले हैं। उन्हें पता है कि वो अलग हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी हम पर कुछ थोपने या बदलने की कोशिश नहीं की। उन्होंने किसी की बल्लेबाजी में कोई बदलाव नहीं किया। वह मुझे भी बोलते थे कि मुझे मेरा नेचुरल गेम खेलना है, क्योंकि वह जानते थे कि अगर मैं पावरप्ले ओवरों में खेलूंगा तो इससे टीम को मदद मिलेगी। उन्होंने मुझे कभी मेरा गेम खेलने से नहीं रोका।”