शुरू होने से पहले ही मुंबई टी-20 लीग कानूनी पचड़े में उलझटा दिख रहा है. दरअसल, मुंबई हाईकोर्ट में लीग की वैधता और विश्वसनीयता को लेकर दो याचिकाएं दायर की गई हैं. जिसे दो अलग-अलग लोगों ने दायर किया है. एक याचिकाकर्ता ने इस लीग के टेंडर प्रक्रिया पर सवाल खड़े किये हैं वहीं एक ने लीग के आयोजकों के लापरवाह रवैये पर नाराजगी व्यक्त किया है. मामला कोर्ट में होने की वजह से टूर्नामेंट होगा या नहीं होगा इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता.
मुंबई हाईकोर्ट में याचिका जयेश मिरानी नामक सामाजिक कार्यकर्ता ने दायर की है. जयेश मौजूदा समय में ऑल महाराष्ट्र ह्यूमन राइट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं. जयेश का आरोप है कि मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) ने लीग में मापक के अनुरूप काम नहीं किया हैं. जयेश मिरानी ने इस जनहित याचिका में एमसीए कमेटी मेम्बर राकेश नागर की मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ की गई शिकायत को आधार बनाया है.
उनका आरोप है कि मुंबई लीग के लिए सबसे ऊंची बोली लगाने वाले श्रीनमन ग्रुप में कमेटी के एक सदस्य की हिस्सेदारी है. जिससे टेंडर प्रक्रिया पर शक होना जाहिर है. जयेश के अलावा एमसीए के ही एक सदस्य नदीम मेनन ने भी लीग के खिलाफ एक याचिका दाखिल की है. जिसमें नदीम ने आरोप लगाया है कि कोई भी ट्रांजैक्शन करने के लिए एमसीए के पास पात्र सदस्यों का जरुरी कोरम भी नहीं है. एमसीए की कार्यकारी संस्था का 2 साल का कार्यकाल पिछले साल ही पूरा हो चुका है, ऐसे में एमसीए किसी भी तरह का बिजनेस करने का पात्र नहीं है.
बता दें कि 11 मार्च से मुंबई टी-20 लीग शुरू होना है जिसमें टीम इंडिया का कार्यभार संभाल रहे रोहित शर्मा, टीम इंडिया के खिलाड़ी अजिंक्य रहाणे और श्रेयस अय्यर जैसे दिग्गज अपना जलवा बिखेरेंगे. अब जब यह मामला कोर्ट के अधीन है. ऐसे में देखना होगा कि इस लीग को हरी झंडी मिलती है या नहीं.