MS Dhoni: इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके महेंद्र सिंह धोनी को हमेशा ही सबसे शांत क्रिकेटर के तौर पर देखा जाता रहा है. मैदान के बाहर हो या अंदर धोनी को शायद ही आपने जल्दी गुस्से में देखा होगा. इसी स्वभाव की वजह से उन्हें कैप्टन कूल के नाम से भी जाना जाता है. माही (MS Dhoni) टीम इंडिया के लिए बेहतरीन विकेटकीपर और कप्तानों में से एक रहे हैं. उनके फैंस उनसे एक ही सवाल पूछते हैं कि आखिर वो इतने शांत कैसे रह पाते हैं. शुक्रवार को हुए एक कार्यक्रम में धोनी ने इस राज से पर्दा उठाते हुए बताया की कैसे वो मैदान पर शांत रहने के लिए अपनी भावनाओं पर काबू रख पाते थे.
थाला धोनी ने बताया क्यों नहीं आता गुस्सा
महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने भारतीय टीम की कप्तानी काफी लम्बे समय तक की थी. इस दौरान कई बड़े टूर्नामेंट में जीत के साथ कुछ हार का भी सामना करना पड़ा है. ऐसे में मैदान पर एक दम शांत नज़र आने वाले धोनी ने अपने गुस्से पर काबू करने की बात करते हुए बताया की उन्हें गुस्सा आता है लेकिन गलतियां सबसे हो जाती है. उन्होंने कहा,
“ईमानदारी से कहूं तो जब हम मैदान पर होते हैं, तो हम कोई गलती नहीं करना चाहते हैं. चाहे वह मिसफील्डिंग हो, कैच ड्रॉप हो या कोई अन्य गलती हो. मैं हमेशा यह जानने की कोशिश करता हूं कि किसी खिलाड़ी ने कैच क्यों छोड़ा या किसी ने मिसफील्ड क्यों किया? गुस्सा करने से बात नहीं बनती. पहले से ही 40,000 लोग स्टैंड से देख रहे हैं और करोड़ों लोग मैच देख रहे होते हैं (टीवी, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर). मुझे देखना था कि क्या कारण था (फील्डिंग में चूक के लिए).”
मैं भी इंसान हूं, मुझे भी बुरा लगता है – MS Dhoni
धोनी ने बताया की मैच हो या जिंदगी आपको कई मौकों पर उतार चढ़ाव देखने को मिलते हैं. ऐसे में आपको अपनी भावनाओं को कंट्रोल करने के अलावा कई बड़े फैसले भी लेने पड़ते हैं जिसकी वजह से गुस्सा आना लाज़मी है लेकिन आपको उसको नियंत्रित करना आना चाहिए. उन्होंने कहा,
“मैं भी इंसान हूं. मैं अंदर से वैसा ही महसूस करूंगा जैसा आप सभी ने महसूस किया. जब आप बाहर जाकर आपस में मैच खेलेंगे तो आपको बुरा लगेगा. हम अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए हमें बुरा लगेगा. लेकिन हम हमेशा कोशिश करते हैं और अपनी भावनाओं को नियंत्रित करते हैं.”
“बाहर बैठकर यह कहना हमेशा आसान होता है कि हमें एक निश्चित तरीके से खेलना चाहिए था, लेकिन यह आसान नहीं है. हम अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, लेकिन विपक्षी खिलाड़ी भी अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वे वहां खेल खेलने के लिए हैं और कई बार उतार-चढ़ाव आते रहेंगे.”
कैच छूट जाये तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है
धोनी (MS Dhoni) ने आगे भी बताया की मैं गलती पर गुस्सा ना करने का बजाये उसको कैसे सही कर सकते है इस बात पर ध्यान देता हूं मेरे हिसाब से मैच हांरने से पहले गलती सुधार ली जाये तो रिजल्ट में बदलाव भी हो सकता है. उन्होने कहा,
“अगर कोई खिलाड़ी मैदान पर शत-प्रतिशत चौकस है और उसके बावजूद उससे कैच छूट जाता है तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है. हालांकि, मैं यह भी देखना चाहता हूं कि इससे पहले उन्होंने अभ्यास के दौरान कितने कैच लपके… कहीं उन्हें दिक्कत तो नहीं हुई और वह बेहतर होने की कोशिश कर रहे हैं या नहीं. मैं कैच छूटने पर ध्यान देने के बजाय इन सभी पहलुओं पर ध्यान देता था. हो सकता है कि हम उसकी वजह से एक मैच हार जाएं, लेकिन कोशिश हमेशा उनको जानने की रहती थी.”