इंग्लैंड के साथ खेले जा रहे नॉटिंघम टेस्ट मैच में कप्तान विराट कोहली ने भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी तेज इशांत शर्मा को प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा और उनके स्थान पर युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को मौका दिया। सिराज ने कप्तान कोहली के इस फैसले को सही ठहराया और नॉटिंघम टेस्ट में अपने प्रदर्शन से सभी को खासा प्रभावित किया।
सिराज ने जीता दिल
Mohammed Siraj ने नॉटिंघम टेस्ट की पहली पारी के दौरान अपनी गति और लाइन लेंग्थ से सभी को खासा प्रभावित किया। उन्होंने 12 ओवर की गेंदबाजी में 48 रन देते हुए एक विकेट चटकाई। कहने को भले ही सिराज मात्र एक ही विकेट हासिल करने में सफल रहे हो लेकिन अपने स्पेल के दौरान वह काफी जोश और भरपूर उत्साह में नजर आए।
साथ ही अपनी सटिक गेंदबाजी से उन्होंने मेहमान टीम को काफी परेशानी में भी डाला। दूसरी पारी में भी वह सिराज ही थे, जिन्होंने भारत को पहली सफलता दिलाते हुए रोरी बर्न्स को पवेलियन का रास्ता दिखाया था।
बढ़ाई इशांत की मुश्किलें
Mohammed Siraj ने अपनी शानदार गेंदबाजी से अनुभवी तेज गेंदबाज इशांत शर्मा के लिए मुश्किलें बढ़ाने का काम किया। इशांत को इस मैच में मौका नहीं दिया गया था, लेकिन सिराज के इस प्रदर्शन के बाद से अब अगले मुकाबलों के लिए भी उन्होंने बहुत हद तक प्लेइंग इलेवन में अपनी सीट रिसर्व कर ली है।
इस बात में कोई शक नहीं है कि, इशांत शर्मा ने 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेले हैं और वह अनुभव के धनी भी है लेकिन मौजूदा समय में सिराज को अंतिम ग्यारह से बाहर रखने की भूल कप्तान कोहली और टीम मैनेजमेंट बिल्कुल भी नहीं कर सकता।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी छाए थे सिराज
इस साल जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर ऐतिहासिक बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम की थी, उसमें सिराज का एक बड़ा योगदान रहा था। सिराज ने डेब्यू टेस्ट सीरीज में धमेकादर खेल दिखाते हुए मात्र तीन टेस्ट मैचों में 29.54 की उम्दा औसत के साथ कुल 13 विकेट अपने नाम किए थे।
भारत की ओर से वह इस सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी रहे थे। ब्रिस्बेन टेस्ट में तो उन्होंने अपनी आगज उगलती हुई गेंदों से कहर बरपाते हुए 5 कंगारू खिलाड़ियों का शिकार किया था।