किंग्स इलेवन पंजाब के बल्लेबाज मनदीप सिंह के पिता का निधन हो गया है. मनदीप अभी आईपीएल के लिए यूएई में हैं. टूर्नामेंट की शुरुआत के दौरान ही उनके पिता हरदेव सिंह की तबीयत बिगड़ गई थी. इस दौरान परिवार वालों ने उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया था. वहीं उनकी हालत ज्यादा ख़राब होने पर उन्हें चंडीगढ़ ले जाया गया जहां उनका निधन हो गया है.
नामी एथलीट थे मनदीप सिंह के पिता हरदेव सिंह
किंग्स इलेवन पंजाब के धाकड़ बल्लेबाज मनदीप सिंह के पिता हरदेव सिंह किसी समय अच्छे एथलीट हुआ करते थे. जिसके बाद वह यहा चाहते थे कि उनका बेटा मनदीप सिंह भी उनके नक़्शे कदम पर चले और एक बहुत एथलीट बने.
लेकिन उस दौरान मनदीप सिंह को क्रिकेटर बनने की पड़ी हुई थी. जिसके बाद उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से क्रिकेट जगत में एक अच्छा-खासा नाम बना लिया है. जिसके बाद उनकी बल्लेबाजी के ना जाने कितने लोग दीवाने हैं.
मनदीप सिंह ने जिस तरह क्रिकेट में नाम कमाया है उसी तरह उनके पिता जी ने भी अपने समय में बड़ा नाम बनाया था. मनदीप सिंह के पिता हरदेव सिंह जालन्धर जिला के खेल अधिकारी भी रह चुके थे. उन्होंने भी काफी मेहनत से ये नाम मुकाम किया था.
हरदेव सिंह ने एक समय सोचा था क्रिकेट नहीं देखूंगा
मनदीप सिंह जैसे एक टैलेंटेड बल्लेबाजी का सिलेक्शन जब पहली बार जिम्बाब्वे टूर के लिए टीम इंडिया में हुआ तो उनके पिता हरदेव सिंह ने एक इंटरव्यू में अपने दिल की बात सामने रखी थी. हरदेव सिंह ने कहा कि
बेटा लंबे समय से टीम इंडिया में स्थान पाने के लिए संघर्ष कर रहा था. मैंने सोच लिया था जब तक मनदीप टीम इंडिया में शामिल नहीं हो जाता जब तक कोई मैच नहीं देखेंगे. आखिर में बेटे की मेहनत रंग लाई और वह टीम इंडिया में शामिल हुआ.
लेकिन हरदेव सिंह के बेटे मनदीप सिंह की मेहनत और अलग से आज वो एक शानदार और धाकड़ बल्लेबाज के रूप में देखे जाते है. उन्होंने क्रिकेटर जगत में जब से कदम रखा उस दिन कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. जिसकी वजह से आज वो एक नाम क्रिकेटर हैं.
‘उसका बैंक अकाउंट संभालकर मुझे गर्व महसूस होता था’
हरदेव सिंह ने एक इंटरव्यू में अपने बेटे मनदीप सिंह से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया था. उन्होंने कहा था कि
“मैं अक्सर जालन्धर के स्पोर्ट्स कॉलेज जाया करते थे. वहां बहुत सारे प्लेयर ऐसे थे जिन्हें अक्सर कहता था कि मेहनत करो, सफलता जरुर कदम चूमेगी. मनदीप ने भी खूब मेहनत की. अपनी पुरानी साईकिल से वह क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए जाता था. आज वह इतना सफल है कि अपनी कार में घूमता है. मैं खुश हूँ कि मैं उसका बैंक अकाउंट संभालता हूँ, गर्व होता है.”