ENG vs IND: इंग्लिश क्रिकेट टीम के धाकड़ बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो (Jonny Bairstow) को इंग्लैंड और भारत के बीच खेले गए ऐतिहासिक पटौदी ट्रॉफी के 5वें टेस्ट मैच में मैन ऑफ द मैच चुना गया है। जॉनी बेयरस्टो ने इस टेस्ट मैच की दोनों ही पारियों में शतक जड़कर बेहतरीन बल्लेबाजी का मुजायरा किया है। जिसके चलते मेजबान टीम को भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा लक्ष्य 378 रन हासिल करने में मदद मिली है। मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजे जाने के बाद जॉनी बेयरस्टो ने अपने खेल में आए निखार के बारे में बात की है।
Jonny Bairstow ने मैच की दोनों पारियों में जड़ा शतक
साल 2022 में लाजवाब फॉर्म में चल रहे जॉनी बेयरस्टो (Jonny Bairstow) ने न्यूज़ीलैंड के बाद भारत के खिलाफ भी विस्फोटक अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए शतकों की झड़ी लगाई। जॉनी इस समय टेस्ट फॉर्मेट में इंग्लिश टीम के सबसे बड़े मैच विनर बनकर उभरे हैं। इंग्लैंड और भारत के बीच जारी इस टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जड़ने का अद्भुत कारनामा कर दिखाया।
दोनों ही पारियों में जॉनी बेयरस्टो (Jonny Bairstow) मुश्किल परिस्थति में बल्लेबाजी करने आए थे। पहली पारी में वे इंग्लैंड को 84/5 के स्कोर से शतक जड़कर 284 तक ले गए, इसके बाद दूसरी पारी में इंग्लैंड ने 109 के संयुक्त स्कोर पर 3 बल्लेबाजों को गंवा दिया था। इसके बाद क्रीज पर जॉनी बेयरस्टो ने आते संग ही मैच की गति को अपनी टीम की ओर मोड़ दिया। इस पारी में उन्होंने नाबाद 114 रनों की पारी खेली।
Jonny Bairstow ने बताई आक्रमक तारीक से बल्लेबाजी करने की वजह
टेस्ट फॉर्मेट के लिहाज से बीते कुछ महीनों से जॉनी बेयरस्टो के खेल में शानदार सुधार देखने को मिला है। वे मौजूदा साल में खेल के लंबे प्रारूप में सबसे ज्यादा रन बनाने में बल्लेबाज है। जॉनी अभी तक खेले 8 मैचों में वह 76.46 की औसत से कुल 994 रन बना चुके हैं। भारत के खिलाफ ऐतिहासिक जीत में मैन ऑफ द मैच चुने जाने पर उन्होंने कहा,
इस समय बड़ा मजा आ रहा है। पिछले कुछ साल मेरे लिए कठिन रहे हैं लेकिन पिछले कुछ महीनों में मैंने शानदार प्रदर्शन किया है। मेरे पास अब खुश रहने की काफी सारी वजह है, मैं अब फेल होने से नहीं डरता और केवल विरोधी टीम पर दबाव बनाना चाहता हूं। हम जानते हैं हम जिस प्रकार खेल रहे हैं उससे हमें हार भी मिलेगी लेकिन यह क्रिकेट खेलने का मजेदार तरीका है।
लक्ष्य का पीछा करना हमेशा हमारे कंट्रोल में था, भारत के पास कुछ विश्व स्तरीय गेंदबाज हैं औरमुझे बस दबाव को सोखना था। एक दौर ऐसा भी आया जब उन्होंने उलटफेर भी शुरू कर दिया। रूट और मैं एक दूसरे को अच्छे से जानते हैं क्योंकि हम यॉर्कशायर अकादमी में एक साथ खेलकर बड़े हुए हैं।
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