इशांत शर्मा

भारतीय टीम के तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने 2007 में बांग्लादेश के खिलाफ 18 साल की उम्र में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। इतने साल बीतने के बाद 24 फरवरी को अहमदाबाद में इशांत शर्मा अब आपना 100वां टेस्ट मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेलने जा रहे है। वो कपिल देव के बाद 100वां टेस्ट खेलने वाले दूसरे भारतीय तेज गेंदबाज बनने की दहलीज पर खड़े हैं। ऐसे में उनकी पत्नी और बास्केटबॉल खिलाड़ी प्रतिमा ने उनसे जुड़ा एक रोचक किस्सा शेयर किया है, जिसमें इशांत फोन पर बात करते हुए खूब रोए थे।

100वां टेस्ट मैच खेलने वाले दूसरे तेज गेंदबाज होंगे इशांत शर्मा

इशांत शर्मा

भारतीय टीम के लिए जब कोई खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरु करता है तो वो 100 टेस्ट मैच खेलने की इच्छा, और इस उपलब्धि को हासिल करने पूरी कोशिश करता है, लेकिन अधिकतर खिलाड़ी इस मुकाम पर नही पहुंच पाते हैं। ऐसे में भारतीय टीम में 99 मैच खेल चुके तेज गेंदबाज इशांत शर्मा 100 टेस्ट मैचों का मुकाम हासिल करने की दहलीज पर खड़े हैं। इशांत से पहले सिर्फ तेज गेंदबाज के रूप में यह कारनामा कपिल देव ही रच पाएं हैं।

इशांत का 100वां मैच देखने पहुंचे उनके मम्मी-पापा

इशांत शर्मा

इशांत शर्मा के 100वें टेस्स मैच को लेकर उनके यहां एक अलग ही तरह खुशी है। मीडिया से बात करते हुएं, इशांत की पत्नी प्रतिमा ने बताया कि इशांत की खुशी में शामिल होने के लिए 15-16 लोग यहां आ रहे हैं। इशांत के मम्मी-पापा के अलावा प्रतिमा की बहन आकांक्षा और बहुत सारे दोस्त अहमदाबाद में बुधवार से शुरू होने वाले डे-नाइट टेस्ट में हौसलाअफजाई करने के लिए मौजूद रहेंगे। प्रतिमा ने हंसते हुए बताया कि अभी 15-16 लोगों के लिए मैच टिकट की व्यवस्था करनी है।

इशांत का वो किस्सा जब वो फोन पर रो पड़े थे

इशांत शर्मा

मीडिया से बात करते हुए प्रतिमा ने बताया कि इशांत वैसे तो चुपचाप रहते हैं और अपनी बातें ज्यादा किसी को नहीं बताते, लेकिन 2013 में वह मुझे फोन करके बहुत रोए थे। उन्होंने बताया, हम लोग उस समय डेट कर रहे थे। मोहाली में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मैच में जेम्स फॉकनर ने उनके एक ओवर में 30 रन मारे। उसके बाद वह पहली बार फोन पर बहुत रोए

प्रतिमा ने बताया, मैंने उनसे यह कहा कि क्रिकेट को इतना सिर पर मत चढ़ाओ।  यह बहुत बड़ी चीज है, लेकिन सिर्फ खेल है। जिस दिन आप यह सोच लोगे कि खेल में सबकुछ होता है तो आप इन चीजों से उबर जाओगे। मैं तो इस पर विश्वास करती हूं। जब आप यह सोचना शुरू कर देते हो कि खेल में हारोगे, जीतोगे, चोट लगेगी, रिकवर होगे, दोबारा खेलोगे तो आप टूटोगे नहीं, ऐसे ही खेल में पूरी जिंदगी दिख जाती है।