indian flop team

इंग्लैंड (England) और भारत (India) के बीच पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के तीसरे टेस्ट मैच में विराट कोहली की अगुआई में भारतीय टीम सिर्फ 78 रन पर ही आलआउट हो गई। इस स्कोर के साथ ही इंग्लैंड के खिलाफ यह भारत का कुल तीसरा न्यूनतम स्कोर है। वैसे बता दें कि इस मैच में जो भी हुआ वो पूरी तरह से कोहली एंड आर्मी की ही गलती है। दरअसल अभी एक दिन पहले ही विराट ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि इंग्लैंड की जमीन पर रन बनाना बहुत ही मुश्किल काम होता है। हर बल्लेबाज को अपना अहंकार जेब में रखना होता है। लेकिन, वो खुद ही अपनी बात को भूल गए।

रोहित के अलावा और किसी ने नहीं दिखाया साहस

rohit virat india

लीड्स टेस्ट के एक दिन पहले ही Indian कप्तान विराट कोहली बल्लेबाजों को नसीहत दे रहे थे। लेकिन, अगले ही दिन वो और उनके टीममेट्स ही इस बात को भूल गए। सभी ने देखा कि कैसे भारतीय बल्लेबाज बाहर जाती गेंदों को छेड़ने के चक्कर में अपना विकेट गंवाते चले गए। इन सभी की गलती की वजह से भारत सिर्फ 78 रन पर ही सिमट गया। इंग्लैंड की तेज और स्विंग लेती पिच पर सम्भल कर बल्लेबाजी करनी होती है।

 साथ ही मौके मिलने पर ही मनपसंद शॉट खेलने की कोशिश करनी चाहिए। केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे और ऋषभ पंत ने केवल गेंद को छेड़ने के चक्कर में ही विकेट गंवा बैठे। टीम में सिर्फ रोहित शर्मा ही इकलौते ऐसे बल्लेबाज रहे जो कुछ देर तक इंग्लिश गेंदबाजों का सामना कर सके। साथ ही सबसे ज्यादा गेंदें खेलते हुए सर्वोच्च स्कोरर रहे।

गेंदों को छेड़ने का अहंकार ले डूबा कोहली टीम को

cheteshwar-pujara- india

सच में देखा जाए तो लीड्स टेस्ट मैच में Indian बल्लेबाज सिर्फ अपने अहंकार की वजह से ही पवेलियन लौटे। कल तक सभी खिलाड़ियों को संयम का पाठ पढ़ाने वाले विराट कोहली आज खुद ही असंयमित बल्लेबाजी कर रहे हैं। यहां तक कि 50 अंतरराष्ट्रीय पारियों से वो शतक नहीं लगा सके हैं। एक भी बल्लेबाज ऐसा नहीं था जिसने ऑफ स्टंप से बहार जाती गेंद को ना छेड़ा हो।

इंग्लिश गेंदबाज जेम्स एंडरसन तो भारतीय बल्ल्लेबजों का काल बन चुके हैं। वो मैच दर मैच Indian बल्लेबाजी क्रम के हाथ बंधते हुए दिखाई दे रहे हैं। Team India की इस हालत को देखते हुए पूर्व दिग्गज सुनील गावस्कर मने यह तक कह दिया कि भारतीय कप्तान को अब सचिन की जरुरत है। यहां तक कि विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को देखने से तो यही लगता है कि वो अपनी बल्लेबाजी ही भूल चुके हैं।