बीसीसीआई को हो सकता है करोड़ों का नुकसान, ये है बड़ा कारण

कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के समय में दुनिया के सभी क्रिकेट बोर्ड्स को नुकसान हुआ और इसमें सबसे अमीर बोर्ड बीसीसीआई भी शामिल है. एक ओर जहां बीसीसीआई को चीन से विवाद के चलते वीवो कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट एक साल के लिए सस्पेंड करते हुए घाटे में ड्रीम 11 को आईपीएल की स्पॉन्सरशिप देने पड़ी, वहीं दूसरी ओर अब बीसीसीआई को एक और बड़ा झटका लगा है.

दरअसल टीम इंडिया की जर्सी के लिए जो स्पॉन्सरशिप का टेंडर बीसीसीआई ने निकाला था, उसमें किसी कंपनी ने अपनी दिलचस्पी नहीं दिखाई है. मतलब इस समय टीम इंडिया का कोई किट प्रायोजक नहीं है.

बीसीसीआई को हो सकता है 100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

बीसीसीआई को हो सकता है करोड़ों का नुकसान, ये है बड़ा कारण

विशेषज्ञों की मानें तो बीसीसीआई को नाइकी जैसी भारी-भरकम डील शायद ही कोई दूसरी कंपनी देगी. नाइकी और बीसीसीआई के बीच 370 करोड़ और 30 करोड़ की रॉयल्टी का करार था लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक अब बीसीसीआई को 200 से 250 करोड़ तक की ही डील मिलने की संभावना है.

अगर ऐसा होता है तो बीसीसीआई को सीधे तौर पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होगा. ऐसे में बीसीसीआई को जल्द से जल्द नाईकी की तरह ही कोई प्रायोजक की तलाश करना होगा.

नाइकी से खत्म हो चुका है करार

बीसीसीआई को हो सकता है करोड़ों का नुकसान, ये है बड़ा कारण

बता दें टीम इंडिया की किट की प्रायोजक नाइकी और बीसीसीआई का करार खत्‍म हो चुकी है. इस करार के खत्म होने के बाद बीसीसीआई ने निविदा प्रक्रिया के जरिए प्रायोजन और आधिकारिक बिक्री साझेदारी के अधिकारों के लिए टेंडर निकाला था. नाइकी और बीसीसीआई के बीच 30 करोड़ की रॉयल्‍टी के साथ 370 करोड़ रुपये में चार साल का करार था.

जिसके हिसाब से नाइकी को प्रति मैच 85 लाख रुपये अदा करने थे साथ ही 12-15 करोड़ रुपये की रॉयल्टी भी शामिल थी. ख़बरों की मानें तो नाईकी ने इस बार टेंडर डॉक्यूमेंट नहीं लिए हैं. स्पोर्ट्सवियर बनाने वाली कंपनी का बीसीसीआई के साथ मौजूदा चार साल का करार सितंबर में समाप्त हो रहा है.

यदि आज भारतीय टीम खेलती है तो नहीं होगा कोई प्रायोजक

बीसीसीआई को हो सकता है करोड़ों का नुकसान, ये है बड़ा कारण

नाइकी से करार होने के बाद खेल सामान और फुटवियर निर्माता जर्मन कंपनी प्यूमा भारतीय क्रिकेट टीम के किट प्रायोजन अधिकार खरीदने की रेस में सबसे आगे थी. ऐसा कहा जा रहा था कि एडिडास भी इस दौड़ में शामिल होने वाली थी. लेकिन टेंडर की तारीख खत्म हो गई मगर कोई टीम इंडिया के किट प्रायोजन के लिए आगे नहीं आया.

मतलब अब अगर आज टीम इंडिया कोई मैच खेलती है, तो उसकी जर्सी पर बीसीसीआई के लोगो के अलावा कोई दूसरा निशान नहीं होगा.