Gautam Gambhir

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज और अब राजनीति में कदम जमा चुके गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं। मगर आज जबकि 2011 विश्व कप को जीते हुए 10 साल पूरे हुए हैं, तो इसपर गंभीर ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। साथ ही उन्होंने भारतीय टीम को आगे बढ़ने की सलाह दी है।

भारतीय क्रिकेट को अगला विश्व कप जीतना चाहिए

Gautam Gambhir

2 अप्रैल 2011 को महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 28 साल के लंबे अंतराल के बाद भारत ने दूसरा एकदिवसीय विश्व कप जीता था। वो दिन और लम्हा हर भारतीय के लिए गौरवपूर्ण था, जिसे आज भी याद करके हर किसी को अच्छा महसूस होता है। मगर गौतम गंभीर का मानना है कि अब उस लम्हे को 10 साल बीत चुके हैं और भारतीय टीम को आगे बढ़ने के बारे में सोचना चाहिए। गंभीर ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा,

“ऐसा नहीं लगता कि यह कल की बात है। कम से कम मेरे साथ ऐसा नहीं है। इसे अब 10 साल बीत चुके हैं। मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो पीछे मुड़कर काफी अधिक देखता है। बेशक यह गौरवपूर्ण लम्हा था लेकिन अब भारतीय क्रिकेट के लिए आगे बढ़ने का समय है। शायद समय आ गया है कि हम जल्द से जल्द अगला विश्व कप जीतें।”

हमने कोई असाधारण काम नहीं किया था

गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने आईसीसी विश्व कप 2011 फाइनल में 97 रन बनाए थे। इसके अलावा वह टी20 विश्व कप2007 फाइनल में भी 75 सबसे अधिक रन बनाए थे। इसपर बल्लेबाज  ने कहा कि उन्होंने कुछ ऐसा नहीं किया था, जो उन्हें नहीं करना चाहिए था। गंभीर ने कहा,

“2011 में हमने ऐसा कुछ नहीं किया जो हमें नहीं करना चाहिए था। हमें विश्व कप में खेलने के लिए चुना गया था, हमें विश्व कप जीतना था। जब हमें चुना गया तो हमें सिर्फ टूर्नामेंट में खेलने के लिए नहीं चुना गया, हम जीतने के लिए उतरे थे। जहां तक मेरा सवाल है अब इस तरह की कोई भावना नहीं बची है। हमने कोई असाधारण काम नहीं किया, हां हमने देश को गौरवांवित किया, लोग खुश थे, यह अब अगले विश्व कप पर ध्यान लगाने का समय है।”

दो अप्रैल को जो किया कोई अहसान नहीं किया

Gautam Gambhir

गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने आगे अपने बयान में ये भी कहा है कि 2011 विश्व कप में 2 अप्रैल को जो भी किया गया उससे उन्होंने किसी पर भी अहसान नहीं किया। उन्होंने कहा,

“अगर हम 2015 या 2019 विश्व कप जीत जाते तो शायद भारत को विश्व क्रिकेट में सुपर पावर माना जाता। इसे 10 साल हो चुके हैं और हमने कोई दूसरा विश्व कप नहीं जीता। इसलिए मैं अतीत की उपलब्धियों को लेकर अधिक उत्सुक नहीं होता। अगर मैंने 97 रन बनाए तो मुझे यह रन बनाने के लिए ही चुना गया था। जहीर खान का काम विकेट हासिल करना था। हमें अपना काम करना था। हमने दो अप्रैल को जो भी किया उससे किसी पर एहसान नहीं किया।”