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इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल ) में इस सीजन अपने नाम का डंका बजवा चुके अफगानी स्पिनर राशिद खान अगर अपनी मां की बात मान गए होते आज वे क्रिकेटर नहीं होते. इस बात का खुलासा उन्होंने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में किया. याद दिला दें, आईपीएल के दूसरे क्वालिफायर मैच में जबरदस्त ऑलराउंडर परफॉर्मेंस के चलते क्रिकेटर राशिद खान ने दुनियाभर में सुर्खियां बटोर लीं. इसी परफॉर्मेंस के चलते सचिन तेंडुलकर ने उन्हें टी20 फॉर्मेट का बेस्ट स्पिनर तक कह दिया.

बता दें, राशिद का क्रिकेट सफर पाकिस्तान के रिफ्यूजी कैम्प से शुरू होकर अफगानिस्तान के रास्ते अब इंडिया में आईपीएल तक पहुंच चुका है. वो अभी दुनिया की 7 बड़ी लीग में खेल रहे हैं. आईपीएल इनमें से एक है.
Exclusive Interview: भारत में खेलना सपना पूरा होने जैसा, मां ने नाम पर भावुक हुए राशिदसवाल- भारत में और अफगानिस्तान में क्रिकेट खेलने पर कितना अंतर महसूस करते हैं?
जवाब- राशिद ने कहा कि निश्चित रूप से भारत में क्रिकेट खेलना एक सपने जैसा है. यहां आकर दुनिया भर के क्रिकेटरों के साथ खेलना अद्भुत था. जिस तरह से भारत में क्रिकेटप्रेमी इस खेल को सपोर्ट करते हैं उसे देखते ही बनता है.

सवाल – केकेआर के खिलाफ धाकड़ बैटिंग का राज क्या था, क्या आप धोनी के हेलीकॉप्टर की नक़ल कर रहे हैं?

जवाब- ऐसा नहीं है. मुझे खुद पर हमेशा भरोसा रहता है. मैंने करियर की शुरुआत ही बतौर बल्लेबाज की थी लेकिन चीज़ें धीरे धीरे बदल गयी. वैसे मुझे हमेशा से बैटिंग करना पसंद रहा है.

सवाल-
मां क्रिकेट खेलने से मना करती थी, ऐसा क्यों ?

जवाब- मां को भारी बाल देख डर लगता था, उसे लगता था कि कहीं अगर मुझे इस बॉल से चोट लग गयी तो क्या होगा. अब मां का दिल तो हर कोई समझ सकता है. अब भी मां डरती है इस बात से.
Exclusive Interview: भारत में खेलना सपना पूरा होने जैसा, मां ने नाम पर भावुक हुए राशिदसवाल- घरवालें शुरू में सपोर्ट नहीं कर रहे थे फिर भाई ने अचानक कैसे सपोर्ट किया?
जवाब- परिवार का सहयोग हमेशा अहम रहता है. अगर किसी काम में आपका परिवार सहयोग नहीं करता तो काम बिगड़ने के चांसेज बढ़ जाते हैं. शुरुआत में मैंने संघर्ष कर अपने घर वालों का भरोसा जीता. और तब आज मैं इस मुकाम पर हूँ.

सवाल- हैदराबाद में कैसे आये ?
जवाब- मेरे ऊपर लोगों का फोकस था खास कर टॉम मुडी का, बांग्लादेश प्रीमियर लीग में भी मुझे लोगों ने देखा था. नेशनल परफार्मेंस देख शायद हैदराबाद ने मुझे चुना.

Anurag Singh

लिखने, पढ़ने, सिखने का कीड़ा. Journalist, Writer, Blogger,