3 बड़े कारण जिसके वजह से भारतीय टीम के तीनों फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कप्तान जरूरी

भारतीय क्रिकेट टीम आज के दौर में दुनिया की सबसे मजबूत टीम में से एक है, लेकिन टीम के लिए सबसे बुरी बात यह है की टीम लंबे समय से कोई आईसीसी का बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीती है। महेंद्र धोनी के कप्तानी छोड़ने के बाद भारतीय टीम लगातार बड़े-बड़े टूर्नामेंट हारती रही। टीम के खराब प्रदर्शन करने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तानी पर भी काफी सवाल उठते रहे है।

टीम इंडिया के कप्तानी में बदलाव की मांग आम बात हो गई है। जब भी कोई सीरीज या बड़ा टूर्नामेंट टीम इंडिया हारती है, तो एक ही मांग उठती है की कोहली को कप्तानी से हटाकर रोहित शर्मा को कप्तान बनाया जाए। लोग रोहित को इसलिए कप्तान बनाना चाहते है क्योंकि रोहित के कप्तानी के आँकड़े काफी बेहतरीन रहे है। हालांकि टीम इसपर अब तक कोई विचार नहीं कर रही है।

इसी क्रम में हम बात करेंगे को अगर भारतीय टीम के लिए तीनों फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तान बना दिया जाए तो टीम इंडिया को क्या फायदा होने वाला है। हम इसके बारे में तीन बड़े फ़ायदों का जिक्र करेंगे जो टीम इंडिया को ऐसा अहम फैसला लेने के बाद टीम इंडिया को हो सकता है।

कोहली का मानसिक प्रेशर होगा कम

3 बड़े कारण जिसके वजह से भारतीय टीम के तीनों फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कप्तान जरूरी

विराट कोहली फिलहाल क्रिकेट के तीनों फॉर्मेंट में टीम इंडिया के कप्तान है, वहीं वह 2 महीने तक चलने वाले आईपीएल में भी वह बतौर कप्तान खेलते है। जिसके कारण विराट कोहली का मानसिक दबाव काफी अधिक हो जाता होगा। ऐसे में चार अलग-अलग फॉर्मेट में एक कप्तान के लिए खिलाड़ियों के विविधता को पहचानना और उनसे प्रदर्शन करवाना काफी मुश्किल होता है।

अगर सभी फॉर्मेट के लिए कप्तान नियुक्त किया जाए तो टीम के कप्तान अपने अलग-अलग फॉर्मेंट के लिए अपनी तैयारी कर सकते है। उदाहरण के तौर पर अगर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आयोजित तीनों सीरीज में अलग-अलग कप्तान होते तो वह अपनी रणनीति बना सकते थे।

रोहित के आँकड़े काफी बेहतर

3 बड़े कारण जिसके वजह से भारतीय टीम के तीनों फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कप्तान जरूरी

तीनों फॉर्मेंट में कप्तान बनाने की एक वजह यह भी है की भारतीय क्रिकेट टीम के सीमित ओवर के कप्तानी रोहित शर्मा को सौप देनी चाहिए। अगर टेस्ट क्रिकेट की  कप्तानी कोहली को दे दी जाए और रोहित शर्मा वनडे और टी-20 में कप्तानी करें तो भारतीय क्रिकेट टीम के प्रदर्शन में सुधार देखने को मिल सकता है। क्योंकि आंकड़ों के नजरिए से देखे तो रोहित की कप्तानी कोहली से अच्छी है।

रोहित शर्मा के कप्तानी की बात करें तो वह आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में 5 बार ट्रॉफी जीत चुके है। हैरानी वाली बात यह है की रोहित ने 2 बार 1 रन से आईपीएल का फाइनल जीता। इससे यह प्रतीत होता है की रोहित की किस्मत भी काफी अच्छी है।

जो की क्रिकेट में काफी अहम भूमिका निभाती है। रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया ने एशिया कप पर कब्जा जमाया। अगर भारत को आने वाले समय में आईसीसी की ट्रॉफी भी जीतनी है तो उन्होंने सीमित ओवर में रोहित को कप्तान नियुक्त कर देना चाहिए। कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया का हाल उनकी आईपीएल टीम आरसीबी जैसा हो जाता है।

काफी सफल साबित हुआ यह फार्मूला

3 बड़े कारण जिसके वजह से भारतीय टीम के तीनों फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कप्तान जरूरी

हर फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तान वाला फार्मूला काफी सफल हुआ है, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जैसी बड़ी टीम भी अपने अलग-अलग फॉर्मेट के लिए अलग कप्तान नियुक्त किए हुए है। अगर ऑस्ट्रेलिया की बात करें तो सीमित ओवर की सीरीज के दौरान एरोन फिंच टीम की कमान संभालते है। फिलहाल फिंच भारत के खिलाफ सीरीज खेल रहे है वहीं दूसरी तरफ टेस्ट टीम के कप्तान टिम पेन टेस्ट सीरीज के तैयारियों में जूते हुए है।

ऐसा नहीं है की टीम इंडिया में ऐसा नहीं हुआ है, इससे पहले टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जब टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ दिए तो कोहली को टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया था और धोनी बाकी फॉर्मेट में टिम की कप्तानी कर रहे थे। उस दौरान टीम इंडिया से अच्छा प्रदर्शन भी देखने को मिला था।