आज ही के दिन (13 जुलाई ) 2002 में लॉर्ड्स में 89 रनों की पारी खेल ,भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले मोहम्मद कैफ ने क्रिकेट दुनिया को अलविदा कह दिया है। एक ईमेल के द्वारा लिख उन्होंने अपनी इस बात की बीसीसीआई के मौजूदा प्रेसिडेंट सी के खन्ना और सेक्रेटरी अमिताभ चौधरी को जानकारी दी।
37 साल के कैफ ने भारत के लिए 13 टेस्ट मैच और 125 एकदिवसीय पारी खेली है। बल्लेबाजी से ज्यादा वो हमेशा अपने फील्डिंग के लिए जाने गए है। उनकी सबसे यादगार पारी 2002 में इंग्लैंड के विरुद्ध नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल में आई थी। इस पारी में 82 रनों पर नाबाद रह भारत को उन्होंने 2 विकेट से जीत दिलाई थी।
पिता को देख क्रिकेट की ओर बढ़ा था रुझान
अपने ईमेल में कैफ ने लिखा कि “मैं ये आपको इसलिए लिख रहा हूँ ताकि आपको सूचित कर दु की में फर्स्ट क्लास क्रिकेट के हर फ़ॉर्मेट से सन्यास ले रहा हूँ। “आगे लिखते हुए उन्होंने कहा कि
मैं आज सन्यास इसलिए ले रहा हूँ क्योंकि नेटवेस्ट सीरीज में मिली जीत को आज 16 साल हो गए है। मैं उस पल को बहुत यादगार मानता हूं और हमेशा याद रखना चाहता हूं। मुझे बहुत खुशी है कि मुझे भारतीय टीम के लिए 13 टेस्ट मैच और 125 एकदिवसीय मुकाबले खेलने का मौका मिला।
कैफ भारत के उस टीम के भी सदस्य थे जो साउथ अफ्रीका में हुए वर्ल्डकप के फाइनल तक पहुंची थी। इसके अलावा युवराज के साथ वो उस U-19 भारतीय टीम के भी सदस्य थे, जिसने पहली बार भारत को U-19 विश्वकप दिलाया था।
अपने फर्स्ट क्लास कैरियर में कैफ 129 मुकाबलो में 15 शतक के साथ 7581 रन बना चुके थे। कैफ एक अच्छे क्रिकेट विशेषज्ञ के साथ-साथ, एक अच्छे हिंदी कमेंटेटर भी है।