Dale Steyn-india

दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज तेज गेंदबाज डेल स्टेन (Dale Steyn) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करते हुए अपने फैंस को चौंका दिया है. क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद उन्होंने भारत में खेलने को लेकर अपना अनुभव साझा किया है. जी हां उन्होंने यह बताया है कि, जब वो इंडिया में खेलते थे उन्हें किस तरह से लोग ट्रीट करते थे. क्या है इससे जुड़ी पूरी खबर, जानिए हमारी इस खास रिपोर्ट के जरिए….

भारत में बॉलीवुड और हॉलीवुड सितारे जैसा मिलता था सम्मान

Dale Steyn

साउथ अफ्रीका के इस दिग्गज तेज गेंदबाज का कहना है कि, जब वो भारत में खेलते थे तब उन्हें ‘फिल्मी सितारे’ जैसा अनुभव होता था. 38 साल के हो चुके तेज गेंदबाज का भारत में अच्छा खासा अंतरराष्ट्रीय और इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने का एक्सपीरियंस रहा है. साल 2019 में विराट कोहली के नेतृत्व में उन्होंने रायल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की ओर से अपना आखिरी आइपीएल (IPL) मैच खेला था.

हाल ही में साक्रिकेटमेग.काम (Sacricketmag.com) के साथ हुए एक इंटरव्यू में बातचीत करते हुए डेल स्टेन (Dale Steyn) ने कहा कि,

‘भारत में राक स्टार की तरह महसूस होता है. आपके साथ हालीवुड या बालीवुड स्टार की तरह व्यवहार होता है. क्रिकेट के लिए वहां के लोग पागल हैं. आप हवाई अड्डे पर जाते हैं और लोगों की भारी भीड़ जमा हो जाती है. आप प्रैक्टिस करने जाते हैं और वहां 10 हजार लोग आपको देख रहे होते हैं. मुझे नहीं लगता कि ऐसा अनुभव दोबारा मिलेगा.’

सचिन और पोंटिंग शानदार बल्लेबाजों में से एक थे

डेल स्टेन का बड़ा बयान, बोले- भारत में खेलने पर 'बॉलीवुड-हॉलीवुड' सितारों जैसा मिलता था सम्मान

अपने समय में वो घातक तेज गेंदबाजों की लिस्ट में शुमार थे. 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकने वाले इस गेंदबाज ने दुनिया के कई सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को कड़ी चुनौती दी थीं. उन्हें उनकी स्विंग लेती गेंदों और सटीक यार्कर के लिए जाना जाता था. हालांकि ट्विटर के जरिए उन्होंने संन्यास की घोषणा कर दी है और यहीं से उनके अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का अंत हो गया है.

संन्यास के बाद डेल स्टेन (Dale Steyn) ने अपने बयान में यह भी कहा कि,

‘सचिन और पोंटिंग काफी शानदार बल्लेबाज थे. वे आपकी क्षमता से बेहतर तरीके से परिचित थे. इसलिए वो बल्लेबाज और गेंदबाज के बीच चलने वाली इस होड़ से बाहर निकलना चाहते थे. बिना आउट हुए इससे दूर होने की कोशिश कर रहे थे. उनके पास केवल एक बार मौका होता है जबकि मुझे कम से कम छह गेंदें मिलती थीं.’

कई बार निचले स्तर के बल्लेबाज मेरे आंकड़ों को बिगाड़ देते थे

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इसी सिलसिले में डेल स्टेन (Dale Steyn) ने आगे कहा कि,

‘कभी-कभी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज भी मुझे तंग नहीं करते थे. क्योंकि हम दोनों एक दूसरे का सम्मान करते थे. यदि मैं अच्छी गेंद डालता था तो वे उसे अच्छी तरह खेलते थे. मुझे उन बल्लेबाजों के आने से चिंता होती थी जिन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं होती थी कि मैं कौन हूं. निचले क्रम के बल्लेबाज जो मुझसे डरते भी थे वही ही मेरे आंकड़े को बिगाड़ भी देते थे.’