मुंबई इंडियंस को पांचवां इंडियन प्रीमियर लीग खिताब दिलाकर इतिहास रचने वाले रोहित शर्मा ने अपनी करिश्माई कप्तानी का लोहा एक बार फिर मनवा लिया है. लेकिन उनके शुरूआती कोच दिनेश लाड का कहना है कि स्कूली दिनों से ही उसमें अपने दम पर मैच जिताने और कप्तानी के विलक्षण गुण थे. वहीं उन्होंने आईपीएल के इस सीजन में एक और खिताब अपने नाम किया.
रोहित शर्मा को 9वीं क्लास में बनाया गया था कप्तान
लाड ने भारतीय टीम के सीमित ओवरों के उपकप्तान पर आने वाली किताब ‘द हिटमैन : द रोहित शर्मा स्टोरी‘ में कहा कि
“स्कूली दिनों से ही वह अपने दम पर मैच जिताता था और उसमें काफी क्षमता थी. वह विकेट भी लेता था और शतक भी जमाता था. मैने नौवीं कक्षा में ही उसे स्कूली टीम का कप्तान बना दिया था. वह काफी आक्रामक था जो हमेशा जीतना चाहता था. मैंने उसे हमेशा क्रीज पर शांतचित होकर खेलने की सलाह देता था क्योंकि तकनीक का वह महारथी था और क्रीज पर जमने के बाद उसे आउट करना असंभव हो जाता था.”
इस किताब से रोहित के अनछुए पहलुओं को जानेंगे फैंस
मशहूर क्रिकेट लेखक विजय लोकापल्ली और जी कृष्णन की लिखी इस खिताब में रोहित के सुनहरे सफ़र के कई अनछुए पहलुओं को उजागर किया गया है. इसके साथ ही उनके साथी खिलाड़ियों, कोचों और दोस्तों ने उनके बारे में अपनी राय भी बेबाक तरीके से रखी है.
ब्लूम्सबरी द्वारा प्रकाशित इस किताब का 18 नवंबर को विमोचन होगा. इस खिताब में युवराज सिंह ने प्रस्तावना में लिखा कि अगले टी20 और 50 ओवरों के विश्व कप में रोहित भारतीय टीम के लिए अहम साबित होगा. उन्होंने लिखा कि
” वह जिस तरह से बड़ी पारियां खेलता है, मुझे यकीन है कि अगले टी20 और 50 ओवर ओवरों के विश्व कप में वह भारत का सबसे अहम खिलाड़ी बनेगा. मैं चाहता हूँ कि वह अपनी फिटनेस का पूरा ख्याल रखे क्योंकि भारतीय क्रिकेट को इसकी जरुरत है. मध्यक्रम के एक बल्लेबाज का दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाजों में से एक बनना बड़ी उपलब्धि है. सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ही उससे पहले ऐसा कर चुके हैं.”
रोहित शर्मा क्यों लगाते हैं बेहतरीन पुल शॉट
रोहित शर्मा के साथी रहे और करीबी मित्र मुंबई के बल्लेबाज अभिषेक नायर ने पुल शॉट में उनकी महारत के बारे में बताया और कहा कि
“मुंबई के मैदानों पर टेनिस बॉल क्रिकेट आम है और उसमें आपको छक्कों का बादशाह होना पड़ता है. रोहित ने उसी दौर से पुल शॉट में महारत हासिल कर ली. शोर्ट गेंद पर हुक या पुल लगाने से उसे कोई नहीं रोक सकता. वह स्वीपर कवर पॉइंट के ऊपर से बड़े छक्के लगाता था जो आसान नहीं है. बल्लेबाज अक्सर मिडविकेट पर ही छक्के लगाते हैं.”