Babar Azam Azam on Abdullah Shafique-Rahul Dravid

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के 22 वर्षीय अब्दुल्ला शफीक (Abdullah Shafique) ने इस साल के शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज़ में ज़बरदस्त प्रदर्शन करके दिखाया था. उस सीरीज़ में उन्होंने पहले टेस्ट मैच में ही अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जड़ दिया था. उसके अगले दो मैचों में उन्होंने 2 अर्धशतक भी ठोके थे.

ऐसे में इतने प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान टीम के सेलेक्टर्स ने उन्हें (Abdullah Shafique) वेस्टइंडीज़ के खिलाफ होने वाली घरेलू वनडे सीरीज़ में भी शामिल किया है. ऐसे में अब पाकिस्तान के कप्तान बाबर आज़म ने इस युवा बल्लेबाज़ की हाल ही में जमकर तारीफ की है.

बाबर आज़म ने Abdullah Shafique को सराहा

Babar Azam on Abdullah Shafique

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान और स्टाइलिश बल्लेबाज़ बाबर आज़म ने एक स्थानीय चैनल से बातचीत करते हुए अब्दुल्ला शफीक (Abdullah Shafique) की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं. उनका कहना है कि अब्दुल्लाह की तुलना पाकिस्तानी टीम राहुल द्रविड़ और केन विलियमसन से करती है. बाबर ने कहा,

“मैं अब्दुल्लाह की स्टाइलिश बल्लेबाज़ी को काफी पसंद करता हूं और निश्चित रूप से उसका आनंद लेता हूं. वो अपना रुख को बहुत साफ रखते हैं और जिस तरह से वो गेंद को डक करते हैं वो प्रभावशाली है. आमतौर पर हम उनकी तुलना केन विलियमसन और राहुल द्रविड़ से करते हैं. हम उन्हें द्रविड़ कहकर बुलाते हैं.”

अब्दुल्लाह के सेलेक्शन को लेकर भी कही बड़ी बात

Babar Azam on Abdullah Shafique

बाबर आज़म ने अब्दुल्ला शफीक को लेकर दिए गए अपने बयान में इस बात का भी ज़िक्र किया है कि अब्दुल्लाह के टीम में आने से, टीम काफी ज़्यादा बैलेंस लगती है. ऐसे में बाबर ने इस युवा बल्लेबाज़ के टीम में सिलेक्शन होने पर कहा,

“अब्दुल्ला की मौजूदगी में सलामी बल्लेबाज़ शान मसूद की जगह पर संदेह हो सकता है, लेकिन किसी व्यक्ति का चयन करने का हमारा मुख्य उद्देश्य टीम का हित है.”

इसके अलावा बात करें अब्दुल्ला के इंटरनेशनल करियर की तो, अब्दुल्ला शफीक (Abdullah Shafique) ने पाकिस्तान के लिए अब तक 5 टेस्ट मैच और 3 T20I खेले हैं. टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 9 पारियों में 68.4 की गज़ब की औसत से बल्लेबाज़ी करते हुए 547 रन बनाए हैं. जिसमें इनके बल्ले से एक शतक और 4 अर्धशतक भी देखने को मिले हैं. हालांकि T20 क्रिकेट में अब्दुल्ला अभी तक अपनी छाप नहीं छोड़ पाए हैं.