नशे में धुत यह खिलाड़ी बल्ला लेकर पहुंचा था ग्राउंड पर और ताबड़तोड़ खेल डाली थी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 175 रनो की तूफानी पारी

जब कभी धुरांधर खिलाड़ियों की बात चलती है,तो दक्षिण अफ्रीका के एक खिलाड़ी का नाम जरूर आता है। मैच फिक्सिंग से लेकर तमाम विवादों में फंस चुके इस खिलाड़ी ने अपने क्रिकेट करियर में वो कर दिखाया,जिसके लिए उसे आज भी याद किया जाता है। पूरे जीवन के लिए प्रतिबंध झेल रहा ये खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि द.अफ्रीका के हर्शल गिब्स हैं। नाम सुनते ही आपके जेहन में इनकी पारियों से जुड़े कई दृश्य आने लगे होंगे। तो आइए जानते हैं गिब्स के जीवन से जुड़े कई रोचक तथ्य।

फुटबॉल के मैदान से क्रिकेट के पिच का सफर

नशे में धुत यह खिलाड़ी बल्ला लेकर पहुंचा था ग्राउंड पर और ताबड़तोड़ खेल डाली थी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 175 रनो की तूफानी पारी

हर्शल गिब्स भले ही  क्रिकेट खेलते रहे हो लेकिन उनका पहला प्यार फुटबॉल था। स्कूल के दिनों में फुटबॉल के बेहतरीन खिलाड़ी हर्शल गिब्स को किसी ने क्रिकेट की सलाह दी,जिसके बाद उन्होंने क्रिकेट को करियर के तौर पर चुना। फुटबॉल की दुनिया के इस धुरांधर खौंफ गेंदबाज के चेहरे में साफ झलकती थी।

गिब्स के दौर में अफ्रीका टीम में उनसे बेहतर खिलाड़ी कोई नहीं था। संयोग ये भी है कि भारतीय धुरंधर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी स्कूल के दिनों में फुटबॉल खेलते थे। उनकी भी प्रतिभा किसी से छिपी नहीं है। लगता है फुटबॉल क्रिकेट का कोई खास रिश्ता है।

गिब्स का क्रिकेट करियर

नशे में धुत यह खिलाड़ी बल्ला लेकर पहुंचा था ग्राउंड पर और ताबड़तोड़ खेल डाली थी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 175 रनो की तूफानी पारी

टेस्ट में प्रदर्शन– गिब्स ने 1996 में अपना पहला पदार्पण मैच खेला,वो भी भारत के खिलाफ। हर्शल गिब्स ने 90 टेस्ट मैचों की 154 पारियां खेली। जिसमें उन्होंने 41.95 की औसत से 6167 रन बनाए। टेस्ट मैचों में गिब्स ने 887 चौके और 47 छक्को की मदद से 14 शतक और 26 अर्धशतक जमाए।

वनडे में प्रदर्शन- गिब्स ने कुल 248 मैच की 240 पारियां खेली। इस दौरान 930 चौके और 128 छक्कों की मदद से 8094 रन बनाए। वहीं 21 शतक और 37 अर्धशतक भी लगाए।

टी-20 में प्रदर्शन– गिब्स ने महज 23 टी-20 मुकाबले खेले है। इसमें उन्होंने 400 रन बनाए। टी-20 में गिब्स का सर्वाधिक स्कोर 90 रन है। इस दौरान इन्होंने 45 चौके और 12 छक्के लगाए।

 वनडे में छह छक्का मारने का रिकॉर्ड

नशे में धुत यह खिलाड़ी बल्ला लेकर पहुंचा था ग्राउंड पर और ताबड़तोड़ खेल डाली थी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 175 रनो की तूफानी पारी

विस्फोटक बल्लेबाज हर्शल गिब्स के नाम एक ओवर में लगातार छह छक्के मारने का रिकॉर्ड दर्ज है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसा कारनामा करने वाले वो दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं। ये रिकॉर्ड गिब्स 2007 में विश्वकप में नीदरलैंड के गेंदबाज वान बुगें के ओवर में बनाया था।

आतिशी भरी पारी के दम पर कंगारूओं से छिना था मैच

नशे में धुत यह खिलाड़ी बल्ला लेकर पहुंचा था ग्राउंड पर और ताबड़तोड़ खेल डाली थी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 175 रनो की तूफानी पारी

 

अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज गिब्स की पहचान विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में है। आज से 12 साल पहले ऑस्ट्रेलिया ने 12 मार्च 2006 को 433 रन का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया था। इसके बाद मनोवैज्ञानिक तौर पर ऑस्ट्रेलिया की जीत पक्की मानी जाती थी। लेकिन गिब्स ने लोगों के इस भ्रम को तोड़ दिया। गिब्स ने 111 गेंदों में 175 रन की आतिश भरी पारी खेलकर कंगारूओं के हाथ से मैच छिन लिया था। लोगों को गिब्स की यह पारी आज भी याद है।

 

शराब के दम पर खेली थी तूफानी पारी

नशे में धुत यह खिलाड़ी बल्ला लेकर पहुंचा था ग्राउंड पर और ताबड़तोड़ खेल डाली थी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 175 रनो की तूफानी पारी

हर्शल गिब्स ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 175 रन की विस्फोटक पारी शराब के दम पर खेली थी। शराब के दमपर गिब्स थे और गिब्स के दम पर अफ्रीका। अंतः दोनों को ही जीत मिली। गिब्स ने मैच से एक रात पहले जमकर शराब पी थी। जिसका नशा मैच तक में भी था। इसका खुलासा खुद गिब्स ने अपनी जीवनी में ‘टू द प्वॉइंट द नो होल्ड्स-बार्ड ऑटोबॉयोग्राफी’ में की।

इस दाग ने सबकुछ धूल दिया

जितना बेहतर खिलाड़ी उतनी ही बेहतर पारियां और यादें हैं। लेकिन एक दाग ने हर्शल गिब्स के जीवन को क्रिकेट के मैदान से इतिहास के धरातल में पहुंचा दिया। अब हमारे पास उनकी पुरानी पारियों को याद करने के सिवा कुछ भी नहींं है। 1996 में भारत दौरे पर आई अफ्रीकी टीम के कप्तान हैंसी ने गिब्स से मैच फिक्सिंग की पेशकश की थी।

यह दौरा भारत में अफ्रीका दूसरा दौरा था। इसमें तीन टेस्ट मैच और एक वनडे मैच का आयोजन किया गया था। भारत ने 2-1 से टेस्ट सीरीज जीत ली थी। वहीं भारत ने वनडे मैच भी जीत दर्ज की थी।

इस मैच में सचिन ने 114 रन की शानदार पारी खेली थी।2000 में उन्होंने कप्तान हैंसी क्रोनिए के कहने पर फिंक्सिंग की। नतीजा यह रहा कि उन्हें लाइफटाइम क्रिकेट से बैन झेलना पड़ा। ये किसी अच्छे क्रिकेटर के लिए त्रासदी से कम नहीं है।