2. दूसरी कम्पनी की डिवाइस का किया गया उपयोग
पिछली साल जब यूएई में आईपीएल (IPL) खेला गया तब सभी फ्रेंचाइजियों को जो ट्रेकिंग डिवाइस दी गई थी वो एक यूके की कम्पनी ने बनाई थी. उस वक्त किसी भी टीम या स्टाफ को उससे किसी भी तरह की परेशानी नहीं हुई थी, लेकिन, इस साल जब आईपीएल भारत में खेला जा रहा है, तब ऐसी ही जीपीएस ट्रेकिंग डिवाइस को चेन्नई की एक कम्पनी से खरीदा गया. जिससे ना सिर्फ खिलाड़ी बल्कि सपोर्टिंग स्टाफ को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. डिवाइस सही से काम नहीं कर रही थी और ऐसे में लोग बायो बबल से बाहर चले गए और उन्हें किसी भी तरह का संकेत नहीं मिला.