क्रिकेट के दुनिया में कप्तानी करना बहुत मुश्किल नजर आता है. जीत दर्ज करने पर श्रेय मिलता है लेकिन टीम के हारने पर आलोचना भी अधिकतर कप्तान को ही झेलनी पड़ती है. जिसके कारण बतौर कप्तान किसी खिलाड़ी के लिए राह आसान नहीं होता है.
अनुभवी कप्तान होने के कारण टीम को फायदा मिलता है. दिग्गज खिलाड़ी यदि टीम की कमान सँभालते हैं तो फिर वो आदर्श बन कर टीम को प्रेरणा देते हैं. लेकिन कुछ दिग्गज तो खिलाड़ी के तौर पर महान रहे लेकिन कप्तानी के मामले में वो असफल हो गये.
आज हम आपको उन 3 दिग्गजों के बारें में बताएँगे. जिन्होंने खिलाड़ी के तौर पर बहुत सफलता हासिल किया. लेकिन जब बात कप्तान के तौर पर सफलता की आई तो वो फेल होते हुए नजर आयें हैं. इस लिस्ट में शामिल दिग्गजों खिलाड़ी ने उसके बाद भी टीम के लिए लंबे समय तक कप्तानी की है.
1. सचिन तेंदुलकर
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर खिलाड़ी के तौर पर कितने महान थे. ये किसी से भी छिपा हुआ नहीं रहा है. लेकिन बतौर कप्तान सचिन तेंदुलकर सफलता हासिल करने में सफल नहीं रहे हैं. उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने बहुत अच्छा नहीं किया है.
सचिन तेंदुलकर ने भारतीय टीम के लिए एकदिवसीय फ़ॉर्मेट में 72 मैच में कप्तानी की थी. जबकि भारतीय टीम को मात्र 23 मैच में ही जीत नसीब हो पायी थी. जबकि 42 मैच में टीम को हार का सामना करना पड़ा था. इस बीच एक मैच टाई भी रहा था. तेंदुलकर का टेस्ट रिकॉर्ड भी कुछ ऐसा ही है.
तेंदुलकर ने बतौर खिलाड़ी एकदिवसीय फ़ॉर्मेट में 49 शतक बनाये और 18 हजार से ज्यादा रन जोड़े. 2011 विश्व कप जीत में वो भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे. लेकिन बतौर कप्तान वो क्यों असफल रहे. ये एक बहुत बड़ा सवाल रहा है. जिसका जवाब किसी के भी पास नहीं है.
2. अजहर अली
मौजूदा समय में पाकिस्तान के लिए टेस्ट फ़ॉर्मेट में कप्तानी कर रहे अजहर अली ने बतौर खिलाड़ी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. लेकिन एकदिवसीय फ़ॉर्मेट में उनके कप्तानी के रिकॉर्ड पर नजर डाले तो बहुत ज्यादा ख़राब नजर आते हैं. जिसके कारण उन्हें कम मौके ही दिए गये.
अजहर अली ने पाकिस्तान टीम के लिए एकदिवसीय फ़ॉर्मेट में 31 मैच में कप्तानी की थी. इस बीच पाकिस्तान की टीम ने मात्र 12 मैच में ही जीत दर्ज किया था. जबकि उन्हें 18 मैच में हार का भी सामना करना पड़ा था. एक मैच बेनतीजा भी इस बीच रहा था. टेस्ट में भी अजहर के रिकॉर्ड अब तक अच्छे नहीं रहे हैं.
अली ने बतौर खिलाड़ी टीम के लिए लंबे समय तक खेला. लेकिन कप्तानी मिलने के बाद उनका प्रदर्शन भी गिर गया. जिसके कारण वो टीम के बाहर चले गये. जिसके बाद वो नियमित रूप से खेलते हुए नहीं नजर आते हैं. जो उनके लिए समस्या का विषय है.