धोनी ने कप्तानी में इंडियन क्रिकेट की दशा और दिशा दोनों बदली। आज जिस ऊंचाई पर हमारी क्रिकेट टीम है, उसमें धोनी की कप्तानी की बड़ी भूमिका है. वहीं दूसरी तरफ 2007 में भारतीय क्रिकेट टीम की कमान अपने हाथ में लेने वाले माही ने सौरव गांगुली की कप्तानी में हासिल की गई उपलब्धियों को और ऊंचाइयां दीं।
गांगुली की कप्तानी में शुरू हुआ टीम इंडिया का अच्छा समय माही की कप्तानी में स्वर्णिम काल तक पहुंच गया। माही में जहाँ कई अच्छाईयां भी है, तो वही उनमे कुछ बुराईयां भी है जिसकी वजह से उनके फैन्स उनसे काफी नाराज़ रहते हैं.
धोनी और भाई के बीच सम्बन्ध अच्छे नहीं
माही के बड़े भाई नरेन्द्र का जन्म 22 अक्टूम्बर 1971 को हुआ था और वो भी रांची मे ही रहते है। नरेन्द्र सिंह धोनी पेशे से राजनीति में है और फुल टाइम समाजवादी पार्टी के साथ जुड़े है। शुरुआत में काफी साल नरेन्द्र परिवार के साथ रहे पर बड़े होने के बाद वो परिवार से अलग रहने लगे था और अक्सर मुलाक़ात के लिए आते रहते थे.
कभी धोनी से उनके भाई के बारे में कोई खबर नहीं मिली, जिसके बाद से धोनी और उनके भाई के बीच विवाद के कयास लगाए जाने लगे थे। उनके बाद धोनी पर आई फिल्म ‘एम एस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी’ में उनके भाई को दिखाया ही नहीं गया। इसके बाद यह साफ हो गया कि इतना बड़ा खिलाड़ी होने के बाद भी धोनी अपने भाई से अच्छे रिश्ते नहीं रख पाए।
दादा के एहसानों को नज़रअंदाज़ करना
धोनी को इंडियन टीम में जगह गांगुली की वजह से ही मिली. इसके बाद धोनी अपने करियर के शुरूआती 4 मैच में पूरी तरफ फ्लॉप रहे, लेकिन फिर भी गांगुली ने उन्हें टीम से बाहर नहीं किया।
इसके बाद 2007 में जब धोनी को भारतीय वनडे टीम की कमान मिली उसके दो सीरीज बाद ही उन्होंने गांगुली को टीम से बाहर कर दिया। उनकी इस बात से उनके और दादा दोनों के ही फैन्स काफी नाराज़ थे.
टीम के खिलाड़ियों से आपसी तालमेल नहीं
धोनी खुद भी ये बात मान चुके हैं कि उनसे संपर्क कर पाना मुश्किल है। जब आप टीम के लीडर होते हैं, तो आपके खिलाड़ियों को कभी भी आपकी जरूरत पड़ सकती है। इसलिए आपको उनके लिए हमेशा उपलब्ध होना चाहिए।
धोनी के टीम के अन्य सदस्यों को हमेशा उनसे यह दिक्कत रहती है कि वह खिलाड़ियों से बात चीत बहुत कम करते है, जिसकी वजह से उनके और बाकि सदस्यों के बीच आपसी तालमेल उतना अच्छा नहीं है.
अपनी आईपीएल टीम के खिलाड़ियों से ज्यादा लगाव
आईपीएल की पहली नीलामी में महेंद्र सिंह को चेन्नई सुपर किंग्स ने ख़रीदा था। उसके बाद से माही का चेन्नई प्रेम जग जाहिर है। आईपीएल में सीएसके के लिए कुछ बेहतर प्रदर्शन के बाद ही धोनी उन खिलाड़ियों को भारतीय टीम में शामिल कर लेते थे। सुदीप त्यागी, मनप्रीत गोनी, पवन नेगी और मोहित शर्मा को एक सीजन के बेहतर प्रदर्शन के बाद टीम इंडिया में जगह मिल गई. वहीं अंबाती रायुडू को इंडिया के लिए 2013 में खेलने का मौका मिला। यह बात टीम इंडिया के कप्तान के लिए बिलकुल अच्छी नहीं थी.
आईपीएल फिक्सिंग पर खुलकर कभी नहीं बोले धोनी
टीम चेन्नई सुपरकिंग्स और इसके डायरेक्टर गुरुनाथ मयप्पन सवालों के घेरे में थे. मयप्पन पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष और चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक एन श्रीनिवासन के दामाद हैं.
साथ ही माही और एन श्रीनिवासन के रिश्तों को लेकर भी सवाल उठ रहे थे. लेकिन धोनी ने कभी इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा. माही भी स्पॉट फिक्सिंग में फंसे हुए थे, लेकिन उन्होंने काफी समय तक खुद को मीडिया से इस मामले में दूर रखा.