फॉफ डु प्‍लेसिस ने टेस्ट मैचों में टॉस खत्म करने की बात कही, चैपल ने दिया करारा जवाब

दक्षिण अफ्रीका इस समय श्रीलंका दौरे पर है, जहां पहले टेस्ट मैच में अफ्रीका को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। वहीं हार के बाद अफ्रीकी कप्तान फॉफ डु प्‍लेसिस  ने टेस्ट क्रिकेट में टॉस खत्‍म करने की बात कही हैं। बता दें कि इस मैच में दक्षिण अफ्रीका अपनी दूसरी पारी में सिर्फ एक सेशन में ही ऑलआउट हो गई थी।

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टेस्ट मैच से ख़त्म हो टॉसImage result for कप्तान डु प्‍लेसिस

श्रीलंका में खेले गए पहले टेस्ट मैच में मेजबान टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 278 रनों से मात दी। वहीं अफ्रीका टीम अपनी दूसरी पारी में केवल 73 रनों के स्‍कोर पर ही ऑलआउट हो गई।

दक्षिण अफ्रीका की इस हार पर बातचीत करते हुए कप्तान डु प्‍लेसिस ने कहा, ”मैच के दौरान हमेशा मेहमान टीम को ये मौका मिलना चाहिए, कि वो क्‍या चाहता है। टीम को बिना टॉस के ही गेंदबाजी या बल्‍लेबाजी में से चुनने की प्राथमिकता दी जानी चाहिए”।

दक्षिण अफ्रीका को है और ज्यादाImage result for कप्तान डु प्‍लेसिस and chapel

डु प्‍लेसिस ने कहा, ”टेस्‍ट क्रिकेट में मैच में संतुलन बनाने के लिए ऐसा जरूरी है। होम कंडीशन में अक्‍सर मेजबान टीम ज्यादातर मैच जीत जाती है। उसे अपने देश की कंडीशन का पता होता है। वो उस कंडीशन में पहले ही काफी खेल चुके होते हैं”

उन्होंने कहा, ”अगर हम बीते दो-तीन साल का रिकॉर्ड उठाकर देखें तो पता चलेगा, कि मैच तय समय से बहुत पहले ही खत्‍म हो रहे हैं। जब मैने टेस्‍ट क्रिकेट खेलना शुरू किया था तो 400 से 500 रन आसानी से बन जाते थे। लिहाजा मैं केवल सब कांटिनेंट की ही बात नहीं कर रहा हूं। दक्षिण अफ्रीका में भी होने वाले टेस्‍ट मैचों में खेल मुश्किल से पांचवे दिन तक पहुंच रहा है।”

चैपल ने दिया ये जबरदस्त जवाबImage result for चैपल

चैपल ने कहा, “खेल के सभी फॉर्मेट में अपनी स्किल डेवलप करना बेहद जरूरी है। विराट कोहली और जो रूट जैसे खिलाड़ी ऐसा कर पाने में कामयाब रहे हैं।”

चैपल का कहना है, कि “क्रिकेट को संभालने वाले प्रशासक खेल के सबसे बड़े और सबसे छोटे फॉर्मेट के बीच संतुलन बनाने में विफल रहे हैं। टी-20 तेजी से फल फूल रहा है, लेकिन टेस्‍ट क्रिकेट पर उतना ध्‍यान नहीं दिया जा रहा है। तालमेल की इस कमी के कारण खिलाड़ी सभी फॉर्मेट में अच्‍छा प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। सभी फॉर्मेट में अच्‍छी स्किल्‍स विकसित कर पाना खिलाड़ियों के लिए मुश्किल हो रहा है।”