भारत-वेस्टइंडीज (IND vs WI) के बीच खेले गए पहले वनडे मैच में रोहित शर्मा की कप्तानी युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) ने अपने प्रदर्शन से फैंस का भी दिल जीत लिया. इस मैच में उन्होंने अपनी गेंदबाजी की पुरानी धार से वेस्टइंडीज टीम को घुटने टेकने पर मजबूक कर दिया. 1000वें वनडे मैच में भले ही उनके साथ कुलदीप यादव नहीं थे लेकिन, वाशिंगटन सुंदर ने जरूर उनका साथ निभाया और कमाल की गेंदबाजी की. युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया है.
1000वें वनडे में अपनी धारदार गेंदबाजी से यूजी ने किया कमाल
दरअसल वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने 1000वें वनडे मैच में रोहित शर्मा की कप्तानी में उतरी टीम इंडिया ने टॉस जीतकर फिल्डिंग का फैसला किया था. वहीं कीरोन पोलार्ड को हिटमैन ने बल्लेबाजी का न्योता दिया था. अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में उतरी भारतीय टीम ने पहले गेंदबाजी से अटैक किया. इसके बाद बल्ले से भी कैरेबियाइयों को चारो खाने चित कर दिया.
बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज टीम की शुरूआत बेहद खराब रही. सलामी जोड़ी 20 रन भी नहीं जोड़ सकी. इसके बाद टीम के लगातार विकेट गिरने का पतन जारी रहा. युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) ने उस वक्त भारत को सफलता दिलाई जब मेहमान टीम को बड़ी साझेदारी की जरूरत थी. लेकिन, उन्होंने पहले निकोलस पूरन को चलता किया. इसके बाद तो अपनी धारदार गेंदबाजी से विरोधियों को क्रीज पर टिकने का मौका ही नहीं दिया.
मैन ऑफ द मैच का खिताब मिलने के बाद अपनी गेंदबाजी पर यूजी ने दी खास प्रतिक्रिया
पूरन के बाद यूजी ने ब्रूक्स और पोलार्ड का विकेट लेकर विंडीज टीम की कमर ही तोड़ दी. इस दौरान उनका साथ वाशिंगटन सुंदर ने भी दिया और कई महत्वपूर्ण विकेट झटके. अंत में अल्जारी को सूर्या के हाथो कैच आउट कराकर यूजी ने विंडीज के पारी का अंत किया. इस जबरदस्त प्रदर्शन के बाद उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया. खास सम्मान के बाद मैच प्रजेंटेशन पर बात करते हुए युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) ने कहा,
"जब वॉशिंगटन ने एक ओवर में 2 विकेट लिए तब मुझे पता था कि दबाव बल्लेबाजों पर है. मुझे पता था कि इस पिच पर गेंद घूम रही थी और मैं आगे गेंदबाजी कर सकता था. मैंने विराट भैया और रोहित भैया से बात की और अपनी लाइन और गति में बदलाव किया. मैं पिच के हिसाब से अपनी गेंदबाजी में बदलाव करता हूं. साउथ अफ्रीका से वापस आने के बाद मैंने हर मैच को 3 से 4 बार देखा कि मैं कहां गलतियां कर रहा था और मैंने द्रविड़ सर और पारस महाम्ब्रे सर से भी बात की. वेस्टइंडीज के 7-8 विकेट गिर चुके थे और वह बड़े शॉट लगाने को देख रहे थे. इसलिए मैं रनों को रोकने की कोशिश कर रहा था."