क्यों युवराज सिंह को टीम इंडिया में फिर संन्यास से कर लेनी चाहिए वापसी, ये 3 कारण हैं बड़ी वजह

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Alsaba Zaya
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Yuvraj Singh should come out of retirement for Team India

भारत के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh)अपनी तूफानी बल्लेबाज़ी और शानदार फिरकी गेंदबाज़ी के लिए जाने जाते थे. उन्होंने टीम इंडिया के लिए अपने शानदार प्रदर्शन से कई मैच जीताएं है. गौरतलब है कि उन्होंन भारतीय टीम को साल 2011 में विश्व-कप जीतवाने में अहम योगदान निभाई थी. फिलहाल वे टीम इंडिया से संन्यास ले चुके हैं. हालांकि उनके संन्यास के बाद टीम इंडिया को अक्सर उनकी कमीं खली है. ऐसे में आज के लेख में हम 3 कारण जानने की कोशिश करेंगे की आखिर क्यों मौजूदा भारतीय टीम में युवराज सिंह की वापसी होनी चाहिए.

आईसीसी ट्रॉफी में निभाया है बेहतरीन किरदार

Yuvraj Singhमौजूदा टीम इंडिया की बात करें तो ऐसा कोई भी खिलाड़ी नहीं है जिसने आईसीसी टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया हो और प्लेयर ऑफ द सीरीज़ बना हो. लेकिन युवराज सिंह (Yuvraj Singh) की बात करें तो उन्होंने साल 2007 में टी-20 विश्व कप में अपने बल्ले के साथ-साथ गेंद का भी जौहर दिखाया था. उन्होंने इस टूर्नामेंट में इंग्लैंड के खिलाफ स्टूअर्ट ब्रॉड को 6 गेंद में 6 छक्के भी जड़े थे और उनके शानदार प्रदर्शन की वजह से टीम इंडिया ने विश्व कप पर कब्ज़ा जमाया था. वहीं साल 2011 विश्व कप में भी युवराज सिंह को प्लेयर ऑफ द सीरीज़ चुना गया था. उन्होंने साल 2011 विश्व कप में अपने बल्ले से 362 रन और 15 विकेट को अपना नाम किया था.

मध्यक्रम में नहीं है कोई बल्लेबाज़

Yuvraj Singh गौरतलब है कि युवराज सिंह (Yuvraj Singh)के संन्यास के बाद टीम इंडिया को आज तक नंबर 4 पर खेलने के लिए उनकी तरह कोई भी बल्लेबाज़ नहीं मिला. टीम इंडिया को हमेशा से ही नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी करने वाले खिलाड़ी की कमीं महसूस हुई है. टीम इंडिया नंबर 4 पर कभी श्रेयस अय्यर तो कभी सूर्यकुमार यादव को प्लेइंग इलेवन में मौका देती है लेकिन नंबर चार पर खेलने वाले शानदार खिलाड़ी को टीम इंडिया आज भी तलाश कर रही है. ऐसे में नंबर चार पर खेलने के लिए युवराज सिंह से बेहतर विकल्प आज भी मौजूद नहीं है.

लिमिटेड ओवर के बेहतरीन ऑलराउंडर रहे हैं युवराज

Yuvraj Singh

युवराज सिंह (Yuvraj Singh)अपनी बल्लेबाज़ी के आलावा अपनी धारदार गेंदबाजी से भी कफी प्रभावित कर चुके हैं. कई पूर्व खिलाड़ी और क्रिकेट एक्सपर्ट का मानना है कि व्हाइट गेंद क्रिकेट में आज तक टीम इंडिया को उनकी तरह खिलाड़ी नहीं मिला और उनके आंकड़े भी इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं. उन्होंने भारत के लिए 40 टेस्ट मैच में 33.93 की औसत के साथ 1900 रन बनाए हैं और 9 विकेट को अपने नाम किया है. 304 वनडे मुकाबले में उन्होंने 36.56 की औसत के साथ 8701 रन बनाए हैं और 111 विकेट चटकाएं है. इसके अलावा 58 टी-20 मैच में 28.02 की औसत के साथ 1177 रन बनाए हैं और 28 बल्लेबाज़ों को अपना शिकार बनाया है.

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