युवराज सिंह ने किया बड़ा खुलासा, 2007 टी20 विश्व कप में धोनी से पहले बनना चाहते थे कप्तान

Published - 10 Jun 2021, 11:50 AM

yuvraj singh-MS Dhoni

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) अपने कारनामों के लिए पूरे क्रिकेटर बिरादरी में मशहूर हैं. उन्होंने अपनी कप्तानी में एक के बाद एक ऐसे इतिहास रचे हैं, जिस सफर तक पहुंच पाना किसी भी खिलाड़ी के लिए आसान नहीं है. इसी बीच टीम इंडिया के बेहतरीन ऑलराउंडर युवराज सिंह (yuvraj singh) ने एक ऐसा बयान दे दिया है, जो शायद माही के फैंस को हजम ना हो. लंबे अरसे के बाद उन्होंने ये खुलासा किया है कि, किस कदर बीसीसीआई ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेरा था. क्या है पूरा मामला, जानते हैं इस खबर के जरिए...

साल 2007 से धोनी की सफलता की हुई थी शुरूआत

yuvraj singh

सबसे पहले बात बात करें भारतीय टीम पूर्व मेजबान धोनी की तो उनकी कामयाबी की शुरूआत की पहली सीढी साल 2007 में खेला गया टी20 वर्ल्ड कप था. जिसमें उन्होंने टीम को अपनी कप्तानी में जीत दर्ज कराई. यहीं से ही उनके लीजेंड बनने की भी शुरूआत हो चुकी थी. बतौर भारतीय उन्होंने हमेशा के लिए एक ऐसा बेंचमार्क सेट किया है, जिसका मुकाबला कर पाना मुश्किल नजर आता है.

भारतीय टीम मैनेजमेंट ने टी20 वर्ल्ड कप में कप्तानी की जिम्मेदारी माही को सौंपी थी. जिसकी उम्मीद लगा पहले से ही टीम के खिलाफ युवराज सिंह (yuvraj singh) बैठे थे. लेकिन जब मैनेजमेंट का फैसला आया तो वो हैरान रह गए. क्योंकि उन्हें यकीन था की टीम की कप्तानी के कमान उन्हें ही सौंपी जाएगी. टी20 वर्ल्ड कप 2007 में यूवी ने अपने बल्ले से जो शानदार प्रदर्शन किया था. उसे आज तक फैंस नहीं भूला सकें हैं. उन्होंने इस टूर्नामेंट में एक के बाद एक कई कारनामें किए थे.

यूवी ने टीम इंडिया के लिए 2007 में किया था बेहतरीन प्रदर्शन

फाइनल में टीम को पहुंचाने में सबसे बड़ी भूमिका उन्हीं की थी. जब पाकिस्तान को हराकर भारत ने खिताब पर जीत का परचम लहराया था. इस टूर्नामेंट में उनके लाजवाब प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज भी चुना गया था. एमएस धोनी की कप्तानी में टीम के पूर्व खिलाड़ी ने बल्ले से विरोधी टीमों के खिलाफ बवाल मचा दिया था.

इस दौरान युवराज सिंह (yuvraj singh) ने खुद को बाकियों से अलग साबित कर दिखाया था. इस बारे में काफी सालों बाद बात करते हुए युवराज सिंह ने कहा कि, इस साल टीम इंडिया 2007 वनडे वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन के कारण शुरुआत में ही बाहर हो गई थी. उन्होंने ये भी बताया कि क्यों अधिकतर सीनियर खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट में खेलने से इनकार कर दिया था.

2007 में धोनी की जगह मैं खुद को कप्तान बनने की उम्मीद कर रहा था

22 यार्न्स पोडकास्ट पर युवराज सिंह (yuvraj singh) ने कहा कि,

भारतीय टीम 50 ओवरों का वर्ल्ड कप गंवा चुकी थी. जिसके बाद टीम में उथल-पुथल मची हुई थी. इसके अलावा इंग्लैंड का दो महीने का दौरा था और इसके बीच में साउथ अफ्रीका और आयरलैंड का एक महीने का दौरा था. इसके बाद एक ही महीने में टी20 वर्ल्ड कप का भी आयोजन होना था.

इसलिए सबको चार महीने तक घर से बाहर रहना पड़ता. सीनियर्स ने सोचा कि वो ब्रेंक लेंगे और निश्चित तौर पर किसी ने भी टी20 वर्ल्ड कप को सीरियस नहीं लिया था. मैं उम्मीद कर रहा था कि 2007 टी20 वर्ल्ड कप के दौरान मुझे कप्तान बनाया जाएगा लेकिन इस दौरान एमएस धोनी को कप्तान घोषित कर दिया गया.

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