भारतीय टीम (Team India) के महान कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के बारे में जब भी बात की जाती है तो बल्लेबाजी में उनके रिकॉर्ड और विकेट के पीछे उनके कारनामों को लेकर चर्चाएं होती हैं. धोनी टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान हैं. माही ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को आईसीसी की 3 अलग-अलग टूर्नामेंट का चैंपियन बनाया है. धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की तारीफ़ में अक्सर उनके साथी खिलाड़ी कुछ न कुछ बयान देते रहते हैं. इसी कड़ी में अब भारतीय टीम के स्टार लेग स्पिनर युज्वेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) ने भारत के सर्वश्रेष्ठ कप्तान के साथ जुड़ा हुआ एक मजेदार किस्सा बताया है.
हमेशा लीडर की भूमिका में रहे धोनी
महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) जब तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते रहे. तब तक वो टीम में एक लीडर की भूमिका में ही रहे. चाहे वो कप्तान थे, या नहीं थे. विकेट के पीछे से उनकी सलाह और उनकी फुर्ती गेंदबाजो के काफी काम आती थी. खासकर स्पिन गेंदबाजों को. धोनी के विकेट के पीछे रहते समय, युज्वेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) और कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) की जोड़ी ने अपनी गेंदबाजी से काफी धूम मचाया.
इन दोनों की सफलताओं के पीछे धोनी का एक बड़ा हाथ माना जाता रहा है. क्योंकि धोनी के जाने के बाद, दोनों ही गेंदबाज अपनी उस लय को बरकरार नहीं रख पाए. दोनों ने ख़ुद भी कई बार अपनी सफलताओं के पीछे धोनी का हाथ बताया है. अब 2018 में दक्षिण अफ्रीका (IND vs SA) दौरे को लेकर चहल ने एक किस्सा सुनाया, जो दर्शाता है कि क्यों धोनी (Mahendra Singh Dhoni) दुनिया के बेस्ट कप्तानों में शामिल किए जाते हैं.
अपने चार ओवर का कोटा खत्म कर और चिल मार
युज्वेंद्र चहल ने जो किस्सा सुनाया है. उस मैच में उन्होंने अपना सबसे महंगा स्पेल डाला था. तो धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने उनसे आकर जो कहा था, वह सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. आर अश्विन (Ravichandran Ashwin) के साथ बातचीत के दौरान चहल ने यह पूरा किस्सा सुनाया. डीआरएस विद ऐश' में चहल ने कहा,
माही भाई ने मुझसे कहा कि मैं राउंड द विकेट गेंदबाजी करूं और मुझे छक्का पड़ गया. फिर माही भाई मेरे पास आए, तो मैंने उनसे कहा- 'हां, माही भाई अब क्या करना है?' उन्होंने मुझसे कहा कुछ - मैं तो वैसे ही आ गया तेरे पास. मुझे पता है यह तुम्हारा दिन नहीं है. तुम पूरी कोशिश कर रहे हो, लेकिन हो नहीं पा रहा है. ज्यादा सोचना नहीं, अपने चार का कोटा खत्म कर और चिल मार
चहल ने उस मैच में अपने 4 ओवर के कोटे में 16.00 की बेहद महंगी इकॉनमी रेट से कुल 64 रन लुटाये थे. जिसके कारण साउथ अफ्रीका टीम इंडिया के द्वारा दिए गए 189 रनों के बड़े से लक्ष्य को 18.4 ओवर में ही पूरा कर लिया.