इंग्लैंड को दूसरे टेस्ट मैच में करारी शिकस्त देने के बाद अब न्यूजीलैंड (New Zealand) की टीम आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंच चुकी है. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल (WTC Final) में भी टीम ने काफी शानदार काम किया है. अब फाइनल में कीवी टीम की भिड़ंत भारतीय टीम से होने जा रही है. जिसका इंतजार पूरा क्रिकेट जगत कर रहा है. ये मुकाबला 18 से 22 जून के बीच साउथैम्प्टन के द एजेस बाउल स्टेडियम में खेला जाएगा. कैसा रहा है न्यूजीलैंड टीम का प्रदर्शन जानते हैं इस खास रिपोर्ट के जरिए...
साल 2015 और 2019 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बना चुकी कीवी टीम को दोनों बार ट्रॉफी उठाने से महज एक कदम दूर रहना पड़ा. ऐसे में जाहिर सी बात है कि, कप्तान केन विलियमसन इस बार ट्रॉफी उठाने का एक भी मौका अपने हाथ से जाने नहीं देंगे. हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतने के बाद टीम आत्मविश्वास से भरी होगी. इस बीच न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड के रेवेन्यू के बारे में बताएं तो ये एक आईपीएल के हर साल होने वाले मुनाफे से भी कम है.
इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे मैच में 6 बड़े बदलाव के साथ उतरी थी कीवी टीम
बोर्ड की माने तो बीते साल उसका कुल रेवेन्यू 285 करोड़ रुपए था. टेस्ट फॉर्मेट में हिस्सा लेने वाली टीम देशों के मामले में भी सबसे छोटे देश में गिना जाता है. लेकिन, इसके बाद भी खिलाड़ियों ने जबरदस्त प्रदर्शन के दम पर वर्ल्ड क्रिकेट में अपना लोहा मनवाया है. इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए दूसरे टेस्ट मुकाबले में कीवी टीम 6 बड़े बदलाव के साथ उतरी थी. केन विलियमसन और टिम साउदी समेत एक भी अनुभवी क्रिकेटर दूसरे मैच में उपलब्ध नहीं थे.
इसके बाद भी मेहमान टीम उन्हीं के घर में उन्हें हार का स्वाद चखाने में सफल रही. जिस वक्त कीवी ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल (WTC Final) में एंट्री मारी थी, उस वक्त कहा जा रहा था कि, उसने ज्यादातर मैच घर में खेले हैं. लेकिन, इंग्लिश टीम के खिलाफ जीत हासिल करने के बाद टीम ने सभी एक्सपर्ट्स और दिग्गजों की बात को गलत साबित कर दिया है. पाकिस्तान को यूएई में भी शिकस्त देने में कीवी खिलाड़ी सफल रहे थे.
7 में से 4 मैच में कीवी टीम ने हासिल की जीत, डेवॉन कॉनवे जैसे बल्लेबाजों ने किया साबित
न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच खेले गए 7 टेस्ट मैचों के आंकड़ों की बात करें तो रिकॉर्ड हैरान कर देने वाले हैं. इन 7 मैचों में से न्यूजीलैंड ने 4 मैच जीते हैं. जबकि 3 मैच ड्रॉ रहे हैं. इस आंकड़े से अंदाजा लगा सकते हैं कि अंग्रेजी टीम को एक भी मैच में जीत नसीब नहीं हुई है. ईसीबी का रेवेन्यू तकरीबन 2800 करोड़ का रहा है. यानी कीवी टीम से 10 गुना ज्यादा. यही कारण है, जो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल (WTC Final) में भारतीय टीम के रास्ते में रोड़ा साबित हो सकते हैं.
कीवी टीम के टेस्ट फॉर्मेट में वीरेंद्र सहवाग और एडम गिलक्रिस्ट जैसे विस्फोटक बल्लेबाजों की उपलब्धि नहीं रही है. लेकिन, इसके बाद भी टीम के परफॉर्म में किसी भी तरह की कमी नहीं आई. अब टीम को काफी सालों बाद डेवॉन कॉनवे जैसे युवा क्रिकेटर मिले हैं. जिसने अपने डेब्यू मुकाबले में ही दोहरा शतक जड़कर इस प्रारूप के लिए अग्निपरीक्षा पास कर ली है.
टीम के पास युवा के बजाए अनुभवी खिलाड़ियों की मौजूदगी
ऐसा ही प्रदर्शन उनका टीम इंडिया के खिलाफ रहा तो दिग्गजों की लिस्ट में शामिल होने से उन्हें कोई भी रोक नहीं पाएगा. बल्लेबाजी के अलावा टीम अपनी आक्रामक गेंदबाजी के लिए भी जानी जाती है. इसके साथ ही साल 2019 के बाद की बात करें तो खिलाड़ियों ने स्लिप में सबसे अधिकतर 91 फीसदी कैच लपके हैं. ऐसी बात नहीं है कि, न्यूजीलैंड टीम ने युवा क्रिकेटरों के दम पर यहां इस फाइनल तक का सफर किया है.
क्योंकि इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में दोहरा शतक जड़ने वाले डेवॉन कॉनवे 29 साल के हैं. दूसरे टेस्ट मैच में 82 रन की पारी खेलने वाले विल यंग 28 उम्र के 28वें पायदान पर पहुंच चुके हैं. ये उनके करियर का तीसरा टेस्ट मैच था. इसके अलावा टॉम ब्लंडेल और डेर्ली मिचेल भी 30 साल के हो चुके हैं. ब्लंडेल ने 27 साल की उम्र में डेब्यू किया था और पहले ही मैच में शतकीय पारी खेली थी.
घरेलू सरजमीं पर सभी मुकाबलों में जीत दर्ज करने वाली इकलौती टीम रही
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल (WTC Final) के नए नियम के अनुसार सभी टीमों को तीन मैचों की टेस्ट सीरीज अपनी सरजमीं पर और तीन टेस्ट श्रृंखला विदेशी पिच पर खेलनी थी. लेकिन, कोरोना महानारी ने ऐसी तबाही मचाई कि इसकी आंच क्रिकेट जगत तक पहुंची और सभी स्टेडियम को ताला लगाना पड़ा. इसके कारण कई सीरीज को स्थगित करवाने का फैसला लिया गया.
इस दौरान न्यूजीलैंड की टीम घरेलू सरजमीं पर सभी मैच पर जीत दर्ज करने वाली इकलौती टीम रही. पूरे 6 मुकाबलों में टीम ने शानदार जीत हासिल की. तो वहीं दूसरी तरफ टीम इंडिया ने 9 में से 8 मुकाबले जीते. एक मैच में उन्हें शिकस्त का भी सामना करना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 9 में से 6 मैच जीते, 2 मैच में हार मिली.
कोहली-विलियमसन का रिकॉर्ड इस मामले में तकरीबन बराबर
विराट कोहली की कप्तानी में अब तक टीम इंडिया ने 60 टेस्ट मैच खेले हैं. इनमें से 36 मुकाबलों में जीत हासिल की है. तो वहीं 14 मैच में हार का सामना करना पड़ा है. इस मामले में न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन की बात करें तो उनकी कप्तानी में कीवी खिलाड़ियों ने 36 टेस्ट मैच खेले हैं. इनमें से 21 मुकाबलों में जीत हासिल हुई है. जबकि 8 मैच में हार झेलनी पड़ी है. दोनों कप्तानों के जीत का प्रतिशत तकरीबन बराबर का है.
विदेशी सरजमीं पर कप्तानी करते हुए कोहली ने 30 मैच खेले हैं. इनमें से 13 में जीत और 12 में हार मिली है. वहीं विलियमसन ने 11 में से 3 जीते हैं जबकि 6 में हार का मुंह ताकना पड़ा है. इस प्रदर्शन के अनुसार विदेशी मैदान पर जीत के मुताबिक कोहली का पलड़ा भारी है.