Wriddhiman Saha: ऋद्धिमान साहा भले ही इन दिनों भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा नहीं है लेकिन, किसी न किसी वजह से सुर्खियों में बने हुए हैं. चंद महीने पहले ही साहा ने एक ट्वीट कर क्रिकेट जगत में हाहाकार मचा दिया था. फरवरी महीने में किया गया उनका ये ट्वीट काफी ज्यादा चर्चाओं में रहा था. इसके बाद से वो लगातार अपने बयानों और खुलासों को लेकर खबरों में बने हुए हैं. अब साहा (Wriddhiman Saha) ने पत्रकार के साथ हुई चैट का खुलासा करने की पीछे की वजह भी बताई है.
पत्रकार के साथ हुई तिखा टिप्पणी वाले मामले पर खुलकर बोले Wriddhiman Saha
दरअसल फरवरी में ऋद्धिमान साहा ने पत्रकार से हुई एक चैट का एक स्क्रीनशॉट साझा किया था. उन्होंने अपने पहले-दूसरे ट्वीट में पत्रकार के नाम का खुलासा नहीं किया था. लेकिन, जब मामला BCCI के कानों तक पहुंचा तो अधिकारियों ने सीनियर जर्नलिस्ट बोरिया मजूमदार को बीसीसीआई ने 2 साल के लिए बैन कर दिया. भारतीय क्रिकेटर ने अपने ट्वीट के जरिए ये खुलासा किया था कि इंटरव्यू न देने की वजह से पत्रकार ने उन्हें धमकाया.
इस मामले को लगभग 5 महीने से ज्यादा होने को आए हैं और अब एक बार फिर से साहा (Wriddhiman Saha) ने इस मसले पर चुप्पी तोड़ी है और ये खुलासा किया है कि आखिर उन्होंने क्यों पत्रकार के खिलाफ आवाज उठाई.
दुनिया के सामने बोरिया मजूमदार का सच नहीं लाना चाहते थे साहा
स्पोर्ट्स टुडे के साथ हुई एक बातचीत के दौरान ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने कहा,
"मेरा इरादा दुनिया को यह बताने का था कि ऐसे भी पत्रकार हैं जो इंटरव्यू लेने के लिए ऐसी चीजें कर सकते हैं. मुझे बाद में पता चला कि उसने (पत्रकार) ऐसी चीजें पहले भी की हैं. इसलिए बीसीसीआई सामने आई और उसे सजा दी."
बयान देने के साथ ही साहा ने इस बात पर भी जोर दिया कि पहले वो इस मामले को तरह से पब्लिक नहीं करना चाहते थे. लेकिन, जब पत्रकार की ओर से इस मामले पर किसी भी तरह का अफसोस जाहिर नहीं किया गया तो मुझसे चुप नहीं रहा गया.
करियर की वजह से चुप रहना चाहते थे साहा
साहा (Wriddhiman Saha) ने इस सिलसिले में आगे बात करते हुए कहा,
"शुरू में मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता था. क्योंकि आखिर में सबका अपना करियर है. लेकिन, अगर सामने वाले को अपनी गलती का अहसास न हो तो आप कब तक चुप रह सकते हैं."
बता दें कि इस मामले के बाद भारतीय क्रिकेटर काफी ज्यादा चर्चाओं में थे. उनके सपोर्ट में कई दिग्गज खिलाड़ी भी उतरे थे और उन्होंने नाम का खुलासा करने की भी अपील की थी. जिसके बाद बीसीसीआई ने इस पर एक्शन लेते हुए बोरिया मजूमदार को बैन करने की सजा सुनाई थी.