6,6,6,6,6,6.... छक्के-चौकों की झड़ी लगा ऋद्धिमान साहा ने काटा भौकाल, 20 गेंदों में 100 रन पूरे कर टी20 क्रिकेट में रचा इतिहास

Published - 16 Sep 2025, 04:23 PM | Updated - 16 Sep 2025, 11:37 PM

Wriddhiman Saha

Wriddhiman Saha : क्रिकेट की दुनिया में कई धुआंधार पारियां खेली गई हैं, लेकिन एक भारतीय बल्लेबाज ने जो कारनामा किया, उसने सबको हैरान कर दिया। सोचिए, कोई खिलाड़ी महज़ 20 गेंदों में शतक जड़ दे और विरोधी गेंदबाजों की नींद उड़ जाए – क्या यह संभव है? जी हाँ, यह नामुमकिन लगने वाला काम भारत के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने कर दिखाया।

उनके बल्ले से निकले 14 छक्कों और 4 चौकों ने मैदान पर ऐसा तूफान खड़ा किया कि गेंदबाज मानो रहम की भीख माँगने लगे। हैरानी की बात यह है कि यह कारनामा न तो IPL में हुआ और न ही किसी इंटरनेशनल मुकाबले में, बल्कि एक ऐसे टूर्नामेंट में हुआ जिसने क्रिकेट प्रेमियों को चौंका कर रख दिया।

इस टूर्नामेंट में Wriddhiman Saha ने खेली तूफानी पारी

यह बात हैं मार्च 2018 की जब जे.सी. मुखर्जी लोकल टी20 टूर्नामेंट के दौरान मोहन बागान क्लब की ओर से खेलते हुए ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने यह ऐतिहासिक पारी खेली। कालीघाट मैदान पर बंगाल नागपुर रेलवे (BNR) रिक्रिएशन क्लब के खिलाफ ओपनिंग करते हुए साहा ने मात्र 20 गेंदों में नाबाद 102 रन ठोक डाले। उनकी इस इनिंग में 14 छक्के और 4 चौके शामिल रहे। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 510 से भी ज्यादा रहा, जो किसी भी बल्लेबाज के लिए असाधारण है।

एक ओवर में लगातार 6 छक्के

साहा (Wriddhiman Saha) की इस पारी का सबसे धमाकेदार पल वह रहा, जब उन्होंने सातवें ओवर में मीडियम पेसर अमन प्रसाद की लगातार छह गेंदों पर छह छक्के जड़ दिए। उस ओवर में एक वाइड समेत कुल 37 रन बने। उनकी बल्लेबाजी ने गेंदबाजों को पूरी तरह असहाय बना दिया और मैदान में मौजूद हर शख्स ने इस कारनामे को लंबे समय तक याद रखने लायक बना दिया।

7 ओवर में मैच खत्म

BNR रिक्रिएशन क्लब ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में सात विकेट खोकर 151 रन बनाए। मोहन बागान क्लब को 152 रनों का लक्ष्य मिला। लेकिन ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) और कप्तान शुभोमय दास की ओपनिंग साझेदारी ने इस लक्ष्य को बच्चों का खेल बना दिया।

साहा ने 20 गेंदों पर 102 रन ठोके, जबकि शुभोमय ने 22 गेंदों पर नाबाद 43 रन बनाए। दोनों बल्लेबाजों ने सिर्फ 7 ओवर में 154 रन बनाकर अपनी टीम को 10 विकेट से शानदार जीत दिलाई। यह जीत 78 गेंद शेष रहते हासिल की गई, जो रिकॉर्ड जैसी मानी गई।

Wriddhiman Saha का आईपीएल और इंटरनेशनल सफर

ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) का करियर भारतीय क्रिकेट में एक भरोसेमंद विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में दर्ज है। उन्होंने 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। कुल 40 टेस्ट मैचों में उन्होंने 29.41 की औसत से 1353 रन बनाए, जिसमें तीन शतक और छह अर्धशतक शामिल रहे। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 117 रन रहा। विकेटकीपिंग में भी वह कमाल के साबित हुए। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 92 कैच और 12 स्टंपिंग किए।

वनडे करियर छोटा रहा और उन्हें 9 मैचों में खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने केवल 41 रन बनाए। विकेटकीपर के तौर पर उन्होंने 17 कैच लपके और एक स्टंपिंग की। उनका आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला दिसंबर 2021 में न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई में खेला गया। इसके बाद टीम मैनेजमेंट ने उन्हें भविष्य की योजनाओं से बाहर कर दिया।

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) का योगदान भी अहम रहा। उन्होंने 170 मुकाबलों में 2934 रन बनाए। उनके नाम एक शतक और 13 अर्धशतक दर्ज हैं। आईपीएल में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 115 रन रहा।

यादगार पारी और संन्यास

साहा (Wriddhiman Saha) की सबसे यादगार टेस्ट पारी 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रांची की पिच पर आई थी। उस मुश्किल परिस्थिति में उन्होंने 117 रन की धैर्यपूर्ण और संघर्षशील पारी खेलकर भारत को संकट से निकाला। हालांकि समय बीतने के साथ युवा खिलाड़ियों को मौके मिलने लगे और साहा टीम से बाहर होते गए।

आखिरकार, 1 फरवरी 2025 को उन्होंने रणजी ट्रॉफी में बंगाल की तरफ से खेलते हुए पंजाब के खिलाफ अपना पेशेवर क्रिकेट का आखिरी मैच खेला। उस मैच में बंगाल ने पंजाब को एक पारी और 13 से हराकर उन्हें शानदार विदाई दी।



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ऋद्धिमान साहा भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज हैं, जो अपनी शानदार विकेटकीपिंग और धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी के लिए मशहूर रहे। उन्होंने भारत के लिए 40 टेस्ट और 9 वनडे इंटरनेशनल मैच खेले हैं।

साहा ने अपने टेस्ट करियर में 40 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 29.41 की औसत से 1353 रन बनाए। उनके नाम 3 शतक और 6 अर्धशतक दर्ज हैं, जबकि उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 117 रन है। विकेटकीपिंग में उन्होंने 92 कैच और 12 स्टंपिंग कीं और लंबे समय तक टीम इंडिया के भरोसेमंद विकेटकीपर रहे।