Shreyas Iyer: भारतीय क्रिकेट इस समय विवादों के दौर से गुजर रहा है. बीसीसीआई का नया सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट आने के बाद यह विवाद और बढ़ गया है. बीसीसीआई (BCCI) ने अगले सत्र (2023-2024) के लिए नए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का ऐलान किया है. अनुबंध की इस सूची से विश्व कप 2023 में शानदार प्रदर्शन करने वाले मध्यक्रम के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) के साथ ही विस्फोटक विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन (Ishan Kishan) का पत्ता काट दिया है.
नाम चेतेश्वर पुजारा, उमेश यादव, शिखर धवन और युजवेंद्र चहल के भी कटे हैं. लेकिन सबसे ज्यादा विवाद अय्यर और ईशान किशन को लेकर है क्योंकि इन दोनों ने हाल के दिनों में भारत के लिए तीनों ही फॉर्मेट में काफी मैच खेले हैं और उसमें उनका प्रदर्शन अच्छा रहा है. इस मुद्दे पर भारतीय टीम के सीनियर खिलाड़ी ने भी अपनी राय रखी है.
Shreyas Iyer और ईशान किशन के मामले पर अब इस दिग्गज ने दिया बयान
श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) और ईशान किशन (Ishan Kishan) को बीसीसीआई की सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से निकाले जाने के मुद्दे पर सीनियर विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने अपनी राय रखी है. उन्होंने कहा, 'सेंट्रल कांट्रैक्ट में किस खिलाड़ी को रखना है और किसे बाहर करना है ये बोर्ड का निजी फैसला है. इसमें किसी का दखल नहीं है.'
घरेलू क्रिकेट खेलने पर क्या बोले?
श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) और ईशान किशन को सेंट्रल कांट्रैक्ट न मिलने की वजह बीसीसीआई के आदेश के बावजूद रणजी ट्रॉफी न खेलना माना जा रहा है. इस सवाल पर रिद्धिमान साहा ने कहा,
'घरेलू क्रिकेट न खेलना खिलाड़ी का निजी फैसला हो सकता है और इस पर जबरदस्ती नहीं किया जा सकता लेकिन मेरा मानना है कि हर एक खिलाड़ी को घरेलू क्रिकेट को महत्व देना चाहिए. इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते रहना काफी अहम है. एक क्रिकेटर के लिए मैच अहम होना चाहिए चाहे वो अंतराष्ट्रीय हो या फिर घरेलू. मैं खुद फिट होने की स्थिति में घरेलू मैचों के साथ क्लब क्रिकेट भी खेलता हूँ. मुझे पता है जितना ज्यादा मैं खेलूंगा मैं उतना बेहतर बनूँगा.'
सरफराज और ध्रुव जुरेल का दिया उदाहरण
साहा ने इस सिलसिले में आगे कुछ उदाहरण भी दिए और कहा कि, 'घरेलू क्रिकेट क्यों अहम है इसका अंदाजा हम सरफराज खान और ध्रुव जुरेल के प्रदर्शन को देखकर लगा सकते हैं. सरफराज ने घरेलू क्रिकेट में पिछले 3-4 साल में ढेरों रन बनाए जिसका असर राजकोट टेस्ट में दिखा जबकि ध्रुव ने अपने डेब्यू टेस्ट में बेहतरीन 46 रन बनाने के बाद रांची में हम विजेता बनाने में बड़ी भूमिका निभाई. इनके प्रदर्शन में घरेलू क्रिकेट का ही योगदान है.'
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