एक World Cup में 300 से अधिक रन और 10 से अधिक विकेट लेने वाले 5 खिलाड़ी

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Amit Choudhary
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एक World Cup में 300 से अधिक रन और 10 से अधिक विकेट लेने वाले 5 खिलाड़ी

ऑलराउंडर खिलाड़ियों को आज क्रिकेट में काफी अहम खिलाड़ी माना जाता है। ऑलराउंडर खिलाड़ी टीम में संतुलन बनाने का काम करते हैं। प्लेयर जरूरत पड़ने पर टीम के लिए बल्ले से भी अहम योगदान दे जाते हैं तो कभी-कभी गेंद से भी मैच बदलने का काम कर देते हैं। आज के समय में विश्व की हर एक टॉप क्रिकेट टीम के पास कम से कम एक प्रतिभाशाली ऑलराउंडर जरूर है।

ऑलराउंडर प्लेयर आईसीसी टूर्नामेंटों में भी अपनी टीम के लिए बड़ी भूमिका निभाते हैं। पहले के ऑलराउंडर या तो ज्यादातर किसी एक काम को अच्छे से करते थे और दूसरे में थोड़े कमजोर होते थे पर आज बहुत से ऐसे खिलाड़ी हैं जो गेंद और बल्ले दोनों से ही टीम के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं। आज हम आपको ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जिन्होंने एक World Cup में 300 रन बनाने के साथ ही 10 विकेट लिए हों।

इन 5 खिलाड़ियों ने किया है एक World Cup में 300+ रन बनाए और 10 विकेट का कारनामा

5. शाकिब अल हसन (Shakib Al Hasan)

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बांग्लादेशी क्रिकेटर शाकिब अल हसन इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में से एक माने जाते हैं। यह खिलाड़ी अपनी क्षमता का प्रदर्शन कई बार कर चुका है। शाकिब अल हसन के लिए World Cup 2019 बहुत ही खास रहा था। उन्होंने अपने दम पर बांग्लादेश को इस वर्ल्ड कप में कई मैच जीतने में मदद की थी।

 शाकिब अल हसन ने वर्ल्ड कप 2019 में अपने बल्ले से 542 रन बनाए थे और टूर्नामेंट में शीर्ष स्कोर करने वालों में शामिल थे। सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने अपनी स्पिन गेंदबाजी से विश्वकप में 11 विकेट झटके थे और विश्व कप में अपने देश के लिए तुरुप का इक्का बन गए थे।

4. नील जॉनसन (Neil Johnson)

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इस सूची में अगला नाम जिम्बाम्बे के नील जॉनसन का है। नील जॉनसन ने अपने करियर में जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम के लिए एक ऑलराउंडर के रूप में शानदार भूमिका निभाई थी। लेकिन, दुर्भाग्य था कि वो केवल 2 वर्ष ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल पाए। अगर नील जॉनसन चाहते तो और 4-5 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल सकते थे। लेकिन, उन्होंने जल्दी ही संन्यास ले लिया।

नील जॉनसन के लिए 1999 क्रिकेट World Cup काफी अच्छा गया था। उन्होंने जिम्बाब्वे के लिए मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हुए कुल 367 रन बनाए थे। साथ ही इस वर्ल्ड कप में अपनी गेंदबाजी से उन्होंने 12 विकेट भी झटके थे। उन्होंने इस वर्ल्ड कप में अपने टीम के लिए परफॉर्मेंस से एक उम्मीद जगाई थी। लेकिन, उनके जाने के बाद से इस टीम का क्या हाल है, ये सभी को पता है।

3. कपिल देव (Kapil Dev)

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कपिल देव भारत के अब तक के सबसे महानतम हरफनमौला खिलाड़ियों में से एक हैं। सिर्फ इतना ही नहीं वो टीम के एक बेहतरीन कप्तान भी थे, जिनकी अगुआई में टीम ने विश्वकप जीता था। यह विश्वकप भारत की पहली विश्वकप जीत थी। 1983 वर्ल्ड कप में भारत की जीत में कपिल देव एक अहम हिस्सा थे। उन्होंने टीम के लिए बतौर ऑलराउंडर काफी अच्छा प्रदर्शन किया था।

1983 World Cup में कपिल देव ने टूर्नामेंट में नाबाद 175 के उच्चतम स्कोर के साथ पूरे टूर्नामेंट में 303 रन बनाए थे। सिर्फ इतना ही नहीं कपिल ने मध्यम तेज गेंदबाजी करते हुए विश्व कप 1983 में विपक्षी टीमों के कुल 12 विकेट चटकाए थे।

2. सनथ जयसूर्या (Sanath Jayasuriya)

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इस सूची में अगला नाम पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेटर सनथ जयसूर्या का है। सनथ जयसूर्या 2003 World Cup के दौरान श्रीलंका के लिए बेहतरीन फॉर्म में थे। सनथ को विश्व क्रिकेट में सबसे विस्फोटक सलामी बल्लेबाजों में से एक गिना जाता है।

2003 Cricket World Cup में उन्होंने टीम के लिए गेंद और बल्ले दोनों से ही बेहतरीन प्रदर्शन किया था हालांकि श्रीलंका उस बार वर्ल्ड कप में फाइनल नहीं पहुंच सका था। वर्ल्ड कप में जयसूर्या ने कुल 321 रन बनाए थे और उन्होंने अपनी फिरकी गेंदबाजी से टूर्नामेंट में 10 खिलाड़ियों को पवेलियन की राह दिखाई थी।

1. युवराज सिंह (Yuvraj Singh)

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युवराज सिंह को कोई कैसे भूल सकता है। आपको बता दें कि 2011 World Cup में भारत को पांचवें गेंदबाज की जरूरत थी और युवराज सिंह ने इस कमी को पूरा किया था। उन्होंने पूरा वर्ल्ड कप अपने गेंद और बल्ले से ही भारत के लिए परफॉर्म किया।

युवराज सिंह ने 2011 वर्ल्ड कप जीतने में भारत के लिए अहम भूमिका निभाई जिसके कारण उन्हें मैन ऑफ द टूर्नामेंट के खिताब से भी नवाजा गया था। युवराज ने इस विश्वकप में एक शतक और चार अर्धशतक की मदद से 362 रन बनाए थे। साथ ही उन्होंने अपनी फिरकी गेंदबाजी से भारत के लिए 15 अहम विकेट भी झटके थे। खैर उनका यह विध्वंसक रूप तो 2007 के विश्वकप में भी दिखा था।

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