वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए टीम इंडिया के ग्रुप में शामिल हुईं ये 2 नई टीमें, 2022-2025 तक खेले जाएंगे मैच

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Shilpi Sharma
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ICC

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने 25 मई को ICC महिला चैम्पियनशिप के तीसरे संस्करण के प्रारूप और श्रृंखला को लेकर बड़ी अनाउंसमेंट की है. इस टूर्नामेंट का आगाज 1 जून को श्रीलंका के खिलाफ पाकिस्तान की घरेलू श्रृंखला के साथ शुरू होगी.

महिलाओं के खेल के विकास में तेजी लाने के लिए आईसीसी (ICC) की कमिटमेंट के हिस्से के तौर पर आईडब्ल्यूसी को आठ से 10 टीमों तक विस्तारित किया गया है. बांग्लादेश और आयरलैंड इस टूर्नामेंट का आगाज करेंगे. जो आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 के क्वालीफिकेशन के लिए सीधा रास्ता खोलेगा.

10 टीमें लेंगी इस टूर्नामेंट में हिस्सा

Women’s World Cup 2025

2022 से 25 के चक्र के दौरान 10 टीमें तीन- आठ और तीन मैचों की श्रृंखला खेलेंगी. जिसमें चार घरेलू सीरीज और चार विदेशी श्रृंखला शामिल है. इस टूर्नामेंट की मेजबानी करने वाले देश और शीर्ष पांच टीमों को क्रिकेट विश्व कप में सीधे एंट्री मिलेगी. बाकी बची 2 टीमों को क्वालीफायर मुकाबलों के जरिए इसमें शामिल किया जाएगा. जिसमें 6 टीमें होंगी. आईडब्ल्यूसी की शेष चार टीमें और दो अन्य जिनका चयन एमआरएफ टायर्स आईसीसी महिला वनडे टीम रैंकिंग (ICC Women's ODI Rankings) के मुताबिक चयन किया जाएगा.

टीमों के लिए ODI स्थिति

ODI status for teams

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में 5 सहयोगी महिला टीमें, नीदरलैंड, पापुआ न्यू गिनी, स्कॉटलैंड, थाईलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका को भी संशोधित क्रिकेट विश्व कप योग्यता के आधार पर एकदिवसीय दर्जा दिया गया है जो अब टी-20 विश्व कप योग्यता से अलग है. इन टीमों का ODI प्रदर्शन उनकी ODI रैंकिंग निर्धारित करेगा और 2025 क्रिकेट विश्व कप के लिए उन्हें इस टूर्नामेंट में जगह दिलाएगा.

अतिरिक्त टीमों को ODI का दर्जा देने के पीछा की वजह का हुआ खुलासा

ICC Chief Executive Geoff Allardice

इस बारे में जानकारी देते हुए ICC के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने कहा,

"ये फैसला आईसीसी (ICC) बोर्ड की ओर से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद वैश्विक विकास रणनीति के मुताबिक किए गए हैं."

इस सिलसिले में आगे बात करते हुए उन्होंने यह भी कहा,

"आईसीसी महिला चैंपियनशिप (ICC Women's Championship) में टीमों की संख्या बढ़ाने और 5 अतिरिक्त टीमों को एकदिवसीय दर्जा देने और हमें महिला खेल के विकास में तेजी लाने में मदद मिलेगी. नियमित तौर पर क्रिकेट खेलने वाली टीमों इस टूर्नामेंट को और कठिन बनाती हैं जैसा कि हाल ही में हमनें न्यूजीलैंड में खेले गए विश्व कप में देखा था."

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