WTC ट्रॉफी जीतना भारत का रह जाएगा सपना, इस वजह से टीम इंडिया के हाथ कभी नहीं आएगा खिताब
Published - 05 Jan 2025, 08:02 AM

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Team India: सिडनी टेस्ट में 6 विकेट से हार का सामना करने के बाद भारत का वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल का सपना सिर्फ एक सपना बनकर ही रह गया। लगातार दो बार फाइनल तक का सफर तय करने वाली भारतीय टीम इस बार फाइनल की दौड़ से ही बाहर हो गई है। इस हार के साथ ही भारत अब डब्ल्यूटीसी (WTC) खिताब जीतने से भी कोसों दूर हो गया है। इस खबर में विस्तार उन वजहों के बारे में बात करेंगे जिसकी वजह से ये खिताब जीतना शायद टीम इंडिया (Team India) का सिर्फ सपना ही रह जाएगा।
दिग्गज कह देंगे अलविदा
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का नया च्रक साल 2025 से 2027 तक खेला जाएगा। भारत इसी साल जून में इंग्लैंड के खिलाफ उसी के घर इस अभियान की शुरुआत करेगा, लेकिन जब तक फाइनल का समय आएगा, तब तक विराट कोहली, कप्तान रोहित शर्मा और रवींद्र जडेजा जैसे दिग्गज खिलाड़ी इस फॉर्मेट को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह चुके होंगे। इन खिलाड़ियों के दमदार प्रदर्शन के दम पर टीम इंडिया (Team India) लगातार दो बार फाइनल (WTC) में जगह बना पाने में सफल हो पाई थी।
रोहित-विराट के बिना बल्लेबाजी कमजोर
विराट कोहली और रोहित शर्मा के न चलने के परिणाम कितने घातक हो सकते हैं इसका उदाहरण हम सब ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर देख लिया है। विराट कोहली और रोहित के फॉर्म में नहीं थे, जिसके कारण बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में भारत को सीरीज गंवानी पड़ी। भारत के लिए काफी वर्षों तक विराट कोहली और रोहित शर्मा ने शानदार प्रदर्शन किया है, न सिर्फ भारत में इनका बल्ला गरजा है बल्कि विदेशों में भी गेंदबाजों पर यह दोनों जमकर बरसे हैं।
यही कारण है कि टीम इंडिया (Team India) को इतने वर्षों तक भारत के साथ-साथ विदेशों में भी इतनी शर्मनाक हार का सामना नहीं करना पड़ा है। लेकिन विराट कोहली और रोहित शर्मा के बाद यह जिम्मेदारी कौन सा खिलाड़ी उठाएगा यह देखना दिलचस्प होगा। रोहित और विराट के बिना भारत की बल्लेबाजी विदेशी पिचों पर लगातार फेल भी हुई है। रोहित और विराट के जल्दी आउट होने के बाद भारत का बल्लेबाजी क्रम एक साथ ध्वस्त हो जाता है।
बुमराह पर टीम इंडिया निर्भर
ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया (Team India) के मुख्य तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने शानदार गेंदबाजी की थी। उन्होंने 5 टेस्ट की 9 पारियों में 13.06 की शानदार औसत के साथ 32 विकेट हासिल किए थे। उनके इस दमदार प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ दे सीरीज चुना गया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पूरी भारतीय गेंदबाजी सिर्फ जसप्रीत बुमराह पर ही निर्भर दिखाई दे रही थी। एक छोर से बुमराह कंगारुओं को परेशान कर रहे थे तो दूसरे छोर से मोहम्मद सिराज, हर्षित राणा जैसे गेंदबाज रन लुटा रहे थे।
बुमराह को दूसरे छोर से जिस तरह के साथ की उम्मीद थी उन्हें अन्य गेंदबाजों से उस तरह का साथ नहीं मिल सका। जिस स्तर पर बुमराह गेंदबाजी कर रहे हैं उस तरह की गेंदबाजी अभी तक भारत की तरफ से कोई दूसरा गेंदबाज नहीं कर पाया है। इसी कारण ऑस्ट्रेलिया बुमराह को संभल कर खेल रही थी तो अन्य गेंदबाजों पर वह आतिशी शॉट्स खेल रहे थे। बुमराह की गैरमौजूदगी में भारतीय गेंदबाजों ने सिडनी की दूसरी पारी में 6 के रन रेट से रन लुटाए हैं।
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