विशाखापत्तनम वनडे में बल्लेबाजों का रहेगा बोलबाला या गेंदबाज दिखाएंगे रौद्र रूप? जानिए किसकी करेगी पिच मदद
Published - 05 Dec 2025, 10:28 AM | Updated - 05 Dec 2025, 10:29 AM
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IND vs SA: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच तीन मैच की वनडे सीरीज का तीसरा मैच विशाखापट्टनम में खेला जाएगा। इससे पहले खेले गए दो मैचों में एक मैच मेजबान ने जीता तो दूसरे मैच में मेहमान टीम ने जबरदस्त वापसी की। अब सीरीज का तीसरा और निर्णायक मुकाबला 6 दिसंबर को विशाखापट्टनम (IND vs SA) के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जाना है।
लेकिन उससे पहले चलिए जानते हैं कि यहां पर बल्लेबाजों का रहेगा बोलबाला या फिर गेंदबाज दिखाएंगे रौंद्र रूप। चलिए आपको बताते हैं कि विशाखापट्टनम स्टेडियम की पिच किसके पक्ष में रहने वाली है।
IND vs SA: कैसी रहती है वाइजैग की पिच
भारत और साउथ अफ्रीका (IND vs SA) के बीच श्रृंखला का निर्णायक मैच 6 दिसंबर, शनिवार को खेला जाएगा। यह मैच डॉ. वाई.एस. राजशेखर रेड्डी एसीए वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा। यहां की पिच को बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग माना जाता है, क्योंकि यह एक हाई-स्कोरिंग ग्राउंड है जहां बल्लेबाजों को रन बनाने में आसानी होती है।
बल्लेबाजी करते समय पिच के उछाल और गति पर भरोसा किया जा सकता है, जिससे बल्लेबाजों को बड़े हिट्स लगाने में आसानी होती है, जबकि पिच से मूवमेंट बिल्कुल भी देखने को नहीं मिलती है। हालांकि, नई गेंद से थोड़ी बहुत स्विंग देखने को मिल सकती है, लेकिन उसके अलावा पूरे मैच में बल्लेबाजों का दबदबा रहता है।
स्पिनरों को मिल सकता है लाभ
वाइजैग की पिच पर जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ता है, पिच थोड़ी धीमी होती है रहती है, जिससे स्पिन गेंदबाजों को पिच से थोड़ा ग्रिप और टर्न मिलता है। यही कारण है मध्य ओवरों में स्पिनर्स बल्लेबाजों पर दबाव बना सकते हैं।
यहां पर पहली पारी में औसतन स्कोर 251 रन होता है, जो कि दूसरी पारी में गिरकर 221 रन पहुंच जाता है। हालांकि, इस सीरीज (IND vs SA) में खेले गए अब तक दोनों मुकाबलों में 300 का स्कोर आसानी से पार हुआ है और ऐसे में माना जा रहा है कि अंतिम मैच में भी 300 से 325 के बीच रन बन सकते हैं।
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ओस बन सकती है विलेन
रांची और रायपुर में खेले गए दोनों मैचों में ओस का प्रकोप देखने को मिला है और यही कारण है कि भारत (IND vs SA) को रायपुर में 358 रन बनाने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा था। वाइजैग में दूसरी पारी के दौरान ओस गिर सकती है और इसके चलते टॉस जीतने वाला कप्तान पहले गेंदबाजी का फैसला कर सकता है, ताकि वह ओस का फायदा उठा सके। बता दें कि, यहां पर पहले गेंदबाजी करने वाली टीम ने 55 मैच जीते हैं तो पहले बैटिंग करने वाली टीम को केवल 45 प्रतिशत जीत मिली है।
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