Yashasvi Jaiswal: भारत और वेस्टइंडीज (WI vs IND) के बीच टेस्ट सीरीज शुरु होने का जितना इंतजार क्रिकेट फैंस को था उससे कहीं ज्यादा इंतजार इस बात का था कि यशस्वी जायसवाल अपने डेब्यू टेस्ट में कैसा खेल दिखाते हैं. बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने भारतीय क्रिकेट फैंस को निराश नहीं किया है और अपने डेब्यू टेस्ट को यादगार बनाते हुए बेहतरीन शतकीय पारी खेली है.
दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक बाएं हाथ का ये खिलाड़ी 143 के स्कोर पर नाबाद था. जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) के इस प्रदर्शन से उनके घर में भी खुशी का माहौल है. इसी बीच उनके पिता ने एक मन्नत मांगी है.
यशस्वी जायसवाल के पिता ने क्या मन्नत मांगी?
यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) के पिता का उनको क्रिकेटर बनाने में बड़ा योगदान रहा है. जब इस खिलाड़ी ने अपने डेब्यू टेस्ट में शतक जड़ दिया और दूसरे दिन भी 143 के स्कोर पर नाबाद लौटे तो उनके पिता ने भोलेनाथ से मन्नत मांगी है. उनके पिता ने चाहत है कि ये बल्लेबाज डेब्यू मैच में अपने शतक को दोहरे शतक में बदले. बता दें कि यशस्वी जायसवाल के पिता भूपेंद्र जायसवाल कांवर यात्रा पर गए हुए हैं.
भदोही का नाम करे रौशन
यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) घरेलू क्रिकेट मुंबई की तरफ से खेलते हैं लेकिन मूल रुप से उनका परिवार उत्तरप्रदेश के भदोही का रहने वाला है, जो वाराणसी के नजदीक है. इस खिलाड़ी के पिता ने कहा कि, वे चाहते हैं कि यशस्वी खूब रन बनाए और उत्तरप्रदेश तथा भदोही का नाम पूरे देश दुनिया में फैलाए.
लंबे संघर्ष के बाद सफलता
यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) काफी छोटी उम्र में भदोही से मुंबई आ गए थे. क्रिकेटर बनने के लिए मुंबई में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. शुरुआती दिनों में उन्हें सर पे छत और दो वक्त की रोटी के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ा था. उन्होंने अपने खेल को सपोर्ट करने के लिए अपने पिता के साथ गोलगप्पे भी बेचे.
लेकिन अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत कभी नहीं हारी. घरेलू क्रिकेट और फिर IPL में लगातार 2 सीजन में शानदार प्रदर्शन का इनाम उन्हें मिला और उन्हें टेस्ट टीम में चेतेश्वर पुजारा की जगह शामिल किया गया. डेब्यू मैच में ही शतक जड़ते हुए इस युवा खिलाड़ी ने बता दिया है कि वे भारतीय क्रिकेट के भविष्य हैं.
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