महेंद्र सिंह धोनी के संयाद लेने के बाद सबके मन में सबसे बड़ा सवाल यही था कि, अब भारतीय टीम में उनकी कमी को कौन पूरी करेगा. ऐसे में युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत ने अभी तक ये जिम्मेदारी काफी अच्छे से निभाई है. ऋषभ पंत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना एक बड़ा नाम बना लिया है. उन्होंने अपने छोटे से करियर में कई बड़े-बड़े कारनामे किये हैं. वह अब भारत के नियमित विकेटकीपर-बल्लेबाज हैं.
हालाँकि, उनके लिए चीजें आसान नहीं थीं, जब उन्होंने टीम इंडिया में प्रवेश किया, क्योंकि उन्हें दिग्गज एमएस धोनी की कमी को पूरा करना था. अब लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने हाल ही में पंत के उन संघर्षों के बारे में बताया, जब वो अपने करियर के शुरुआती दिनों में थे.
पंत के लिए आसान नहीं था धोनी की जगह लेना: चहल
चहल ने SGTV के हवाले से बताया, दरअसल, हर कोई चाहता था कि वह (पंत ) माही भाई की तरह बने. जिस तरह से एमएसडी स्टंप्स के पीछे थे. मुझे याद है कि अगर पंत कभी कोई कैच छोड़ते या डीआरएस गलत हो जाता तो पूरा मैदान 'माही माही' के नारे लगाने लगता. इसलिए उस बच्चे (पंत) पर बहुत दबाव था... क्योंकि वह केवल 19 या 20 के आसपास था. हमने उनसे कहा कि आप इन सभी चीजों को नजरअंदाज करे और अपने खेल पर ध्यान दें. वह जबरदस्त दबाव में था. फिर वो कुछ समय के लिए टीम से बाहर भी हो गए थे.
ऋषभ ने किया जबरदस्त वापसी
चहल ने आगे बताया, पंत ने अब शानदार वापसी की है क्योंकि वह एक खिलाड़ी के रूप में परिपक्व हो गए हैं और सभी प्रारूपों में अपनी क्लास साबित कर चुके हैं. ऋषभ की क्लास ने एक और स्तर छुआ जब उन्होंने ब्रिस्बेन में शानदार वीरता का प्रदर्शन करते हुए भारत को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी जीतने के लिए प्रेरित किया. उनकी शानदार पारी को आने वाले समय में याद किया जाएगा और यहां तक कि आईपीएल में भी उन्होंने एक कप्तान के रूप में शानदार काम किया है, जहां उनकी टीम शीर्ष पर रहने के बाद पहले ही प्लेऑफ में पहुंच चुकी है.
मुझे लगता है कि लोगों को यह समझना चाहिए कि जब कोई खिलाड़ी मैदान पर होता है तो वह अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता है और कोई भी खराब प्रदर्शन नहीं करना चाहता. लोगों को खिलाडियों को थोड़ा सम्मान देना चाहिए.