कौन है टीम इंडिया के रघु राघवेंद्र? जिनकी मेहनत से टी20 वर्ल्ड कप-चैंपियंस ट्रॉफी के बाद भारत जीता एशिया कप

Published - 30 Sep 2025, 04:27 PM

Raghu Raghavendra

Raghu Raghavendra: भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक शख्स भारत-पाकिस्तान मैच खत्म होने के बाद टीम इंडिया के खिलाड़ियों के साथ संवाद कर रहा है। जबकि टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी, कोचिंग स्टाफ और खुद हेड कोच गौतम गंभीर इस शख्स की बातों को गौर से सुन रहे हैं।

जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोग यह जानने के लिए काफी बेताब हैं कि आखिर यह है कौन जिसे टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी और स्टाफ मैनेजमेंट इतने ध्यान से सुन रहे हैं तो बता दें कि वह कोई और नही बल्कि रघु राघवेंद्र (Raghu Raghavendra) हैं।

राघवेंद्र को टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी प्यार से रघु बुलाते हैं। चलिए आपको रघु के बारे में विस्तार से बताते हैं और साथ ही यह भी बताते हैं कि टीम इंडिया के एशिया कप की जीत में रघु का अहम योगदान कैसे रहा है।

कौन है टीम इंडिया के Raghu Raghavendra?

सबसे पहले आपको यह बताते हैं कि आखिर रघु राघवेंद्र हैं कौन? वह कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के कमुटा कस्बे के रहने वाले हैं। रघु को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का काफी शौक था, लेकिन इस राह पर उनके शिक्षक पिता के विचार थोड़े अलग थे। रघु क्रिकेट के प्रेम में पागल थे तो पिता इसके खिलाफ।

हालांकि, इसके बावजूद रघु ने हार नहीं मानी और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के ट्रायल में भाग लेने के लिए हुबली पहुंच गए। उस समय रघु के पास न ही सर छिपाने का कोई ठिकाना था और न ही कोई आर्थिक सहायता। तब रघु (Raghu Raghavendra) अपनी रात बस स्टैंड, मंदिर और यहां तक कि श्मशान घाट में भी बिताया करते थे।

क्रिकेटर बनने का जुनून ऐसा कि श्मशान में खाली पड़ी जगह पर उन्होंने करीब 4.5 साल बिता दिए। उनकी इसी मेहनत का असर था कि उन्हें धारवाड़ जोन की एक टीम के लिए खेलने का मौका मिला और उन्होंने चार विकेट लेकर अपनी प्रतिभा का प्रमाण दे दिया।

रघु की मेहनत के आगे झुकी किस्मत

एक बड़ी ही फेमस फिल्म का डायलॉग है कि अगर किसी चीज को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती है। यह डायलॉग रघु (Raghu Raghavendra) के जीवन पर बिल्कुल फिट बैठती है। रघु काफी तेजी से क्रिकेट की दुनिया में अपना नाम बना रहे थे, लेकिन अचानक एक दिन उनके हाथ में लगी चोट ने उनका गेंदबाजी करियर हमेशा-हमेशा के लिए खत्म कर दिया।

लेकिन कहते हैं ना कि भगवान अगर आपके लिए एक दरवाजा बंद करता है तो सौ दरवाजे खोल देता है। रघु (Raghu Raghavendra) के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। चोट से गेंदबाजी करियर खत्म होने के बाद भी रघु ने हार नहीं मानी और कोचिंग की दुनिया में सफलता पाने निकल पड़े। वह हुबली में दूसरे क्रिकेटर्स को गेंदबाजी अभ्यास करवाया करते थे, लेकिन एक दोस्त के कहने पर वह बेंगलुरू चले गए।

रघु के जुनून को सचिन ने पहचाना

बेंगलुरू पहुंचने के बाद रघु कर्नाटक क्रिकेट इंस्टीट्यूट में अन्य खिलाड़ियों को अभ्यास कराया करते थे तभी उनपर भारतीय तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ की नजर पड़ी और उन्होंने उन्हें कर्नाटक रणजी टीम का हिस्सा बना लिया। इसके बाद वह नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) में बिना पैसों के तीन से चार तक तक काम करते रहे और यहीं पर उन्होंने कोचिंग का कोर्स पूरा किया और आने वाले भारतीय खिलाड़ियों को प्रैक्टिस कराने लगे।

इस दौरान सचिन तेंदुलकर की नजर रघु (Raghu Raghavendra) पर पड़ी। उस वक्त सचिन यह समझ गए कि रघु के लिए खिलाड़ियों को अभ्यास करवाना सिर्फ एक काम नहीं बल्कि जुनून है। वहां से फिर साल 2011 में पहली बार वह भारतीय क्रिकेट के स्टाफ का हिस्सा बन गए।

यह वहीं समय था जब रोबो आर्म नाम का एक इक्विपमेंट से खिलाड़ी प्रैक्टिस किया करते थे और रघु ने काफी कम समय में इसपर गेंद फेंकने की महारत हासिल कर ली थी। समय के साथ रघु 155 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार वाली गेंदें काफी एक्यूरेसी और सटीक तरीके से फेंकने लगे थे, जिसके बाद उन्हें न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी पहचान मिली। रघु (Raghu Raghavendra) आज भी टीम इंडिया में इसी भूमिका में नजर आते हैं।

रघु की मेहनत ने दिलाई टीम इंडिया को सफलता

आईसीसी टी20 विश्व कप 2024 का आयोजन संयुक्त राज्य अमेरिका और वेस्टइंडीज ने संयुक्त रूप से मिलकर किया था। इस टूर्नामेंट में तत्कालीन कप्तान रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस को घुटने पर बैठकर स्टेडियम की छत पर छक्का मार दिया था। 140-145 की रफ्तार से गेंदबाजी करने वाले कमिंस के खिलाफ यह कॉन्फिडेंस देखने के बाद हर कोई दंग रह गया था।

लेकिन भारतीय बल्लेबाजों के इस बेखौफ अंदाज के पीछे सिर्फ एक ही शख्स है रघु राघवेंद्र (Raghu Raghavendra)। विश्व क्रिकेट में अपनी पहचान बना चुके रोहित शर्मा और विराट कोहली कई बार राघु की तारीफ कर चुके हैं और अपनी कामयाबी के पीछे की वजह बताने से भी नहीं हटे। जबकि एशिया कप 2025 में जीत के पीछे भी रघु (Raghu Raghavendra) का काफी अहम योगदान रहा था।

वहीं, पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच में नाबाद 69 की पारी खेलने के बाद तिलक वर्मा भी रघु के पैर छूने के लिए झुक गए थे। जबकि इंग्लैंड दौरे पर जसप्रीत बुमराह भी रघु को झुककर प्रणाम करते नजर आए थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रघु (Raghu Raghavendra) की अहमियत टीम इंडिया में फिलहाल कितनी अधिक है।

रघु ने वायरल वीडियो में क्या कहा?

टीम इंडिया के थ्रो डाउन विशेषज्ञ रघु राघवेंद्र (Raghu Raghavendra) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह भारत-पाकिस्तान के बीच सुपर-4 का मैच जीतने के बाद साथी खिलाड़ियों से कहते हैं कि

"प्रतिभा ईश्वर की देन है, इसलिए विनम्र रहना चाहिए। प्रसिद्धि इंसानों की ओर से मिलती है, इसके लिए आभार जताओ। एकाग्रता आपकी अपनी होती है, इसका ध्यान रखो। प्रेरणा कुछ समय के लिए होती है, लेकिन अनुशासन हमेशा साथ रहता है। इस खेल में कोई भी पूरी तरह परफेक्ट नहीं होता। सीखते रहो और आगे बढ़ते रहो। ईश्वर महान है।"

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Aman Sharma

क्रिकेट सिर्फ़ एक खेल नहीं, यह एक ऐसा जुनून है जो हर भारतीय के दिल में धड़कता है। मैं, अमन शर्मा, इस... रीड मोर

वह भारतीय क्रिकेट टीम के थ्रो-डाउन विशेषज्ञ हैं, जिन्हें खिलाड़ी प्यार से रघु बुलाते हैं।

वह 'रोबो आर्म' इक्विपमेंट का उपयोग करके बल्लेबाजों को लगभग 155 किमी/घंटे की रफ़्तार से सटीक थ्रो-डाउन गेंदें फेंककर अभ्यास कराते हैं।

उन्होंने टीम को विनम्र रहने, आभार जताने, अनुशासित रहने और हमेशा सीखते रहने की सलाह दी।